भारत में डायबिटीज़ सिर्फ एक बीमारी नहीं, एक जीवनशैली चुनौती बन चुकी है। जब हर तीसरा वयस्क ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रहा हो, तब रोज़मर्रा का खाना केवल स्वाद का मामला नहीं रह जाता—वह सेहत का सबसे बड़ा फैसला बन जाता है।
हाल ही में एक पोषण जागरूकता अभियान में विशेषज्ञों ने ऐसी 5 चीज़ों की सूची साझा की है जो डायबिटीज़ में ज़हर का काम करती हैं, और 6 ऐसी चीज़ों की, जो सही मात्रा और तरीके से ली जाएं तो अमृत बन सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने जीवनशैली से जुड़ी कुछ ‘गोल्डन टिप्स’ भी साझा की हैं जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद कर सकती हैं।
अमृत समान 6 चीज़ें: जो शुगर कंट्रोल में मददगार हैं
डायबिटीज़ के रोगियों के लिए ये छह चीज़ें धीरे पचती हैं, फाइबर से भरपूर होती हैं और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाती हैं:
1. साबुत अनाज
गेहूं, ओट्स और ब्राउन राइस धीरे पचते हैं और ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं।
2. हरी सब्ज़ियाँ
पालक, मेथी और करेला डायबिटिक फ्रेंडली होने के साथ कम कैलोरी और फाइबर युक्त होते हैं।
3. कम ग्लाइसेमिक फल
सेब, अमरूद और जामुन जैसे फल शुगर कम करते हैं और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
4. मेवे और बीज
बादाम, अखरोट और चिया सीड्स न केवल दिल को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि शुगर स्पाइक को भी रोकते हैं।
5. दालें और अंकुरित अनाज
फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण ये पाचन धीमा करते हैं और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं।
6. मोटे अनाज (मिलेट्स)
जौ, बाजरा, रागी जैसे पारंपरिक अनाज में पोषण तत्व अधिक होते हैं और यह धीरे पचते हैं।
5 चीज़ें जो ज़हर जैसी हैं: ब्लड शुगर बढ़ाने वाली खतरनाक चीज़ें
कुछ खाद्य पदार्थ सीधे ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं और उन्हें सीमित या पूरी तरह से त्यागना ज़रूरी है:
1. मीठे और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ
मिठाई, केक और चॉकलेट में रिफाइन्ड शुगर और सैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो तुरंत नुकसान पहुंचाते हैं।
2. सफेद आटा और चावल जैसे रिफाइन्ड कार्ब्स
मैदा, सफेद ब्रेड और सफेद चावल बहुत जल्दी पचते हैं और शुगर स्पाइक करते हैं।
3. तले और प्रोसेस्ड स्नैक्स
समोसे, पकोड़े और इंस्टेंट नूडल्स में ट्रांस फैट और खराब कार्ब्स होते हैं।
4. ज्यादा मीठे फल
अंगूर, लीची और आम—भले ही प्राकृतिक हों, लेकिन अधिक मात्रा में लेने पर नुकसान करते हैं।
5. मीठे पेय और अल्कोहल
कोल्ड ड्रिंक, बियर और मीठी छाछ शुगर को बहुत तेज़ी से बढ़ाते हैं।
“नेचुरल शुगर भी ज़्यादा मात्रा में नुकसान करती है,” डायबिटीज़ विशेषज्ञ डॉ. शालिनी कहती हैं। “मॉडरेशन ही सबसे बड़ी दवा है।”
डायबिटीज़ कंट्रोल के लिए ज़रूरी जीवनशैली बदलाव
सिर्फ आहार ही नहीं, जीवनशैली में बदलाव भी उतना ही ज़रूरी है:
- रोज़ वॉक या योग करें
- समय पर और संतुलित भोजन लें
- तनाव से बचें
- पर्याप्त नींद लें
- खूब पानी पिएँ
ये छोटी-छोटी आदतें लंबे समय तक शुगर कंट्रोल करने में बेहद कारगर हो सकती हैं।
एक व्यापक संकट की ओर इशारा
आधुनिक खान-पान और बैठी-बैठी जीवनशैली के चलते भारत में डायबिटीज़ का संकट तेज़ी से बढ़ रहा है। प्रोसेस्ड फूड्स, असमय भोजन और शारीरिक निष्क्रियता ने इस रोग को युवाओं तक पहुँचा दिया है।
लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह स्थिति बदली जा सकती है।
“भारतीय पारंपरिक भोजन में ही सारे उत्तर छिपे हैं,” डॉ. शालिनी कहती हैं। “सिर्फ समझने और अपनाने की ज़रूरत है।”
डायबिटीज़ भले ही लाइलाज हो, लेकिन उसके प्रभावों पर नियंत्रण पूरी तरह से हमारे हाथ में है। हर थाली, हर निवाला एक चुनाव है—स्वास्थ्य की दिशा में या बीमारी की ओर।
अगली बार जब आप फल, अनाज या स्नैक चुनें, याद रखें: खाना सिर्फ स्वाद नहीं, जीवन की गुणवत्ता तय करता है।