लखनऊ/झांसी : यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अब साइबर थाने हाईटेक बनने लगे हैं। झांसी के साइबर थाने को देखिए। इसे देखकर शायद ही आप यकीन करेंगे कि ये इंडिया का कोई पुलिस स्टेशन है। इन तस्वीरों को देखिए। किसी हॉलिवुड फिल्म के हाईटेक पुलिस स्टेशन जैसा लगेगा।
लेकिन ये तस्वीर किसी फिल्म की नहीं बल्कि यूपी के झांसी के असली पुलिस स्टेशन की है। इसे हाल में ही तैयार किया गया है। अब जल्द ही यहां यूपी का साइबर लैब भी बनकर तैयार होने वाला है। जिसके जरिए साइबर क्रिमिनलों के बारे में पता लगाना आसान हो जाएगा।
साइबर क्राइम की सूचना मिलते ही तुरंत लेते हैं एक्शन
झांसी का ये साइबर क्राइम पुलिस ना सिर्फ देखने में हाईटेक है बल्कि एक्शन में भी काफी हाईटेक है। यहां के प्रभारी इंस्पेक्टर शिव शंकर सिंह ने बताया कि हमलोग साइबर क्राइम के हर केस की शिकायत मिलते ही तुरंत एक्शन में जुट जाते हैं। क्योंकि हमे पता है कि साइबर क्रिमिनल फ्रॉड करने के बाद जितनी जल्दी हो सके पैसों को ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसे में अगर पेटीएम या किसी ई-वॉलेट में पैसे ट्रांसफर कराए जाते हैं तो शिकायत मिलने के तुरंत बाद हमारी टीम एक्टिव हो जाती है और उस पैसे को ब्लॉक करा देती है। इस तरह से कई मामलों में साइबर फ्रॉड होने के बाद पैसे लौटा भी दिए जाते हैं। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में 15-20 लाख रुपये रिफंड कराए जा चुके हैं।
सबसे बेहतरीन साइबर पुलिस स्टेशन, साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन देते हैं ट्रेनिंग
झांसी के इस थाने को यूपी का अब तक का सबसे बेहतरीन साइबर पुलिस स्टेशन माना जा रहा है। इस साइबर थाने में एंट्री करते ही रिसेप्शन है। ऐसा रिसेप्शन किसी मल्टीनेशनल कंपनी की तरह है। किसी पीड़ित के लिए बैठने के लिए बेहतर सुविधा होने के साथ दूसरी फैसिलिटी भी हैं जो एक वर्ल्ड क्लास ऑफिसेज में होती हैं। इसके अलावा किसी की शिकायत पर सबकुछ पेपरलेस कंप्यूटराइज्ड होगा। यहां पुलिस को साइबर ट्रेनिंग के लिए भी एक सेंटर बनाया गया है। इसमें लगभग रोजाना साइबर क्राइम की ट्रेनिंग दी जा रही है। देश के जाने-माने साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन मुख्य रूप से ट्रेनिंग दे रहे हैं।
सीएम के निर्देश पर प्रदेश में 32.80 करोड़ रुपये से हाईटेक हो रही साइबर पुलिस
अभी हाल में ही सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी के साइबर थानों को पहले की तुलना में सुपर हाईटेक बनाने के लिए शासन ने 32 करोड़ 80 लाख रुपये का फंड जारी करने का निर्णय लिया गया था। इससे यूपी के सभी साइबर थानों को हाईटेक बनाया जाएगा। इस फंड से सभी साइबर थानों में साइबर लैब तैयार किया जाएगा। इसमें डाटाबेस मैनेजमेंट, फॉरेंसिक टूल्स, डेटा एनालिसिस सॉफ्टवेयर, डेटा एक्सट्रैक्शन सॉफ्टवेयर और अन्य हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस संबंध में 12 जनवरी को लखनऊ में एक खास बैठक हुई थी। जिसमें ये फंड जारी किया गया था।
फोन से डिलीट डेटा से लेकर एनक्रिप्टेड कॉल को भी ट्रेस करने में मिलेगी मदद – SP साइबर
यूपी के एसपी साइबर प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि झांसी के साइबर थाने में आगामी 2 महीने में साइबर लैब भी तैयार हो जाएगी। इस साइबर लैब में हाईटेक तरीके से फॉरेंसिक टूल्स के साथ डेटा एनालिसिस किया जाएगा। एसपी साइबर ने इसमें मोबाइल फॉरेंसिक, कंप्यूटर फॉरेंसिक, वीडियो-ऑडियो फॉरेंसिक, डेटा रिकवरी, डिलीट डेटा को भी रिकवर किया जाएगा। इसके अलावा एनक्रिप्टेड कॉल को भी ट्रेस करने के टूल्स को विकसित किया जाएगा। जिससे साइबर क्रिमिनलों पर नकेल कसी जा सके।