लखनऊ : 2017 में योगी सरकार आने के बाद से ही उत्तर प्रदेश का आधुनिक तरीके से कायाकल्प शुरू हो गया। इन चार वर्षों में बेरोजगारी दर तो कम हुआ ही, अनुशासित राजस्व वसूली से अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई। यही कारण है कि साल 2016-17 की तुलना में चार वर्षों में लगभग सभी महत्वपूर्ण सरकारी विभागों की राजस्व वसूली में 10 से 143 फीसदी तक की वृद्धि हुई। अगले एक साल में योगी सरकार बड़े पैमाने पर सरकारी विभागों में भर्ती का अभियान छेड़ेगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम पूरा हो जाएगा और जेवर एयरपोर्ट का भी शिलान्यास हो जाएगा।
चार वर्ष में सूबा देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। 2017 में जब योगी सरकार बनी थी तो इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। ईज आफ डूइंग बिजनेस के मामले में भी राज्य दूसरे स्थान पर है। साल 2017 में बेरोजगारी दर 17.5 फीसदी थी। अब 2021 में घट कर 4.1 फीसदी रह गई है।
कोरोना काल में भी राजस्व वसूली बढ़ा
साल 2017 में जहां वाणिज्य कर से 51882.88 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। 2021 में इसमें 10.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई और राजस्व 57345 करोड़ रुपये हो गया।आबकारी विभाग से सरकार को 17 फीसदी ज्यादा राजस्व मिला। साल 2017 में 14273 करोड़ रुपये था। साल वर्ष 2018-19 में 9353.66 करोड़ ज्यादा बढ़कर 23926.66 करोड़ रुपये हो गया। 2020-21 में बढ़कर 37500 करोड़ रुपये हो गई।
कर एवं स्टांप में 103 फीसदी की बढ़ोतरी
कर एवं स्टांप में 103 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह रकम वर्ष 2021 में 23550.55 करोड़ रुपये हो गई। परिवहन विभाग की साल 2017 में 5148.06 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। यह 2021 में 143 फीसदी बढ़कर 12515.07 करोड़ रुपये हो गई। खनन विभाग की कमाई में 56 फीसदी बढ़ा और 2415.30 करोड़ रुपये की कमाई हुई।