नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचाया था। वहीं उत्तर प्रदेश में दूसरी लहर कहर मचाया था। जिससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाएं बनाई थी। इस योजनाओं का आईआईटी-कानपुर (IIT Kanpur) के विशेषज्ञों की टीम ने सराहना की है। आईआईटी-कानपुर (IIT Kanpur) के विशेषज्ञों की एक टीम ने शोध पत्र जारी करते हुए संक्रमण का प्रसार को रोकने के लिए बनाई गई रणनीतियों की सराहना की है।
IIT Kanpur ने एक विशेषज्ञों की टीम बनाई गई। जिसका नेतृत्व वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने किया है। इस टीम ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किए गए उपायों पर प्रकाश डाला, जिसने कई लोगों की जान ले ली थी और देश भर में स्वास्थ्य प्रणाली को पतन के कगार पर धकेल दिया था। इसके साथ टीम ने प्रवासी श्रमिकों पर आर्थिक संकट के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला गया है। टीम ने प्रवासी मजूदरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ की।
विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य की योगी सरकार ने लौटने वाले मजदूरों के लिए मुफ्त बस सेवा और बीमार श्रमिकों के लिए एम्बुलेंस सेवाओं की व्यवस्था की है। इसके साथ ही मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया है। स्थानीय लोगों के रोजगार कार्ड के लिए श्रमिक डेटाबेस का उपयोग किया था।
रिपोर्टों में बताया गया कि आंकड़ों से यह भी पता चला है कि रोकथाम के उपायों के बिना, उत्तर प्रदेश में दूसरी लहर के दौरान प्रति दिन 70,000 से अधिक मामले हो सकते थे। लेकिन योगी सरकार की योजनाओं की वजह से इस पर अंकुश लगाया गया। लॉकडाउन अवधि के दौरान मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों से कई प्रवासी श्रमिक अपने गृह राज्यों, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में लौट आए थे। महामारी के बीच काम की कमी के कारण उन्हें आय की हानि और भोजन की कमी सहित कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।