उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठित मोनाश यूनिवर्सिटी के साथ एक ऐतिहासिक समझौता (MoU) किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य प्रदेश के छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों को वैश्विक स्तर पर शोध, नवाचार और प्रशिक्षण के नए अवसर प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह समझौता नई शिक्षा नीति 2020 के विज़न के अनुरूप है, जो कौशल विकास, बहुआयामी अधिगम और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने इस पहल को “उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा की तैयारी” बताया।
शिक्षा में नवाचार और वैश्विक दृष्टिकोण को मिलेगा बढ़ावा
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को इस समझौते के क्रियान्वयन का नोडल केंद्र नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देश दिए हैं कि इस साझेदारी को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। इस सहयोग से प्रदेश के शिक्षकों को मोनाश यूनिवर्सिटी की विश्वस्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली का लाभ मिलेगा।
मोनाश यूनिवर्सिटी: शिक्षा और शोध में वैश्विक नेतृत्वकर्ता
मोनाश यूनिवर्सिटी, जिसकी स्थापना 1958 में हुई थी, दुनिया की अग्रणी शोध-आधारित संस्थानों में शामिल है। विश्वविद्यालय हर वर्ष लगभग 30,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करता है, जिनमें संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों के शिक्षक भी शामिल होते हैं। अब उत्तर प्रदेश के शिक्षक भी इस वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा बन सकेंगे।
उत्तर प्रदेश को मिलेगी वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर नई पहचान
इस साझेदारी से उत्तर प्रदेश को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर नई पहचान मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल छात्रों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शोध और तकनीकी नवाचार में भी प्रदेश अग्रणी बन सकेगा।