दफ्तरों में घंटों बैठकर काम करना अब केवल थकान ही नहीं, बल्कि मधुमेह और चयापचय संबंधी बीमारियों का कारण भी माना जाने लगा है। ऐसे में स्टैंडिंग डेस्क यानी खड़े होकर काम करने वाले डेस्क को एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। लेकिन क्या केवल खड़े रहना ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त है? विशेषज्ञों की राय इससे कुछ अलग है।
अध्ययन क्या कहते हैं?
वर्ष 2014 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि भोजन के बाद तीन घंटे खड़े रहने वालों की ब्लड शुगर स्पाइक लगभग 43% कम थी, तुलना में उन लोगों के जो बैठे रहे—भले ही दोनों समूहों की गतिविधि लगभग समान थी। इसका अर्थ है कि शरीर की मुद्रा (posture) भी ग्लूकोज अवशोषण को प्रभावित कर सकती है।
एक अन्य 24-सप्ताह के अध्ययन में, मोटापे से ग्रस्त कर्मचारियों ने जब सिट-स्टैंड डेस्क का उपयोग किया, तो उनकी निष्क्रियता में रोजाना 90 मिनट की कमी देखी गई, और इसके साथ ही इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार आया।
हालांकि, कुछ नवीनतम शोधों में पाया गया है कि केवल खड़े रहने से ग्लूकोज प्रोफाइल पर सीमित प्रभाव पड़ता है—जब तक कि हलचल न की जाए।
केवल खड़े रहना नहीं है समाधान
विशेषज्ञ मानते हैं कि केवल खड़े रहने से सीमित कैलोरी ही जलती हैं—लगभग 8 अतिरिक्त कैलोरी प्रति घंटे। इससे ब्लड शुगर नियंत्रण में बहुत बड़ा अंतर नहीं आता।
इसके अलावा, लगातार खड़े रहने से पैरों में थकावट, रक्तचाप में वृद्धि और शरीर में असहजता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यानी स्थिर खड़े रहना भी उतना ही नुकसानदायक हो सकता है जितना स्थिर बैठना।
ब्लड शुगर के लिए ‘2-पर-20’ नियम सबसे प्रभावी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब ‘2-पर-20 नियम’ की सिफारिश कर रहे हैं—यानि हर 20 मिनट में 2 मिनट खड़ा होना या हल्की चाल में चलना। इससे ब्लड शुगर में भोजन के बाद होने वाली बढ़ोतरी 25% तक कम हो सकती है।
भोजन के बाद हल्का टहलना, शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय रखता है, जिससे ग्लूकोज का अवशोषण बेहतर होता है और इंसुलिन संवेदनशीलता भी सुधरती है।
कार्यालय में अपनाएं यह आदतें
- हर 30 से 60 मिनट में बैठने और खड़े रहने की स्थिति बदलें
- भोजन के बाद कम से कम 5-10 मिनट टहलें
- लंबे समय तक खड़े रहने के बजाय हल्के व्यायाम करें, जैसे स्ट्रेचिंग, धीमी चाल
- अपने शरीर की प्रतिक्रिया को समझें—अगर थकान महसूस हो तो पुनः बैठें
निष्कर्ष: खड़े रहना मददगार है, लेकिन हलचल जरूरी है
स्टैंडिंग डेस्क, एक स्थिर बैठने की जीवनशैली के मुकाबले बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए केवल खड़े रहना पर्याप्त नहीं है। सही रणनीति यह है कि बैठने और खड़े रहने के बीच संतुलन बनाएं, और हर कुछ समय पर शरीर को सक्रिय रखें।