Close Menu
Bharat Speaks
  • Trending
  • Motivation
  • Health
  • Education
  • Development
  • About Us
What's Hot

India’s AI Leap: Reliance and Meta Join Forces in ₹855-Crore Venture to Power Enterprise AI Revolution

October 26, 2025

Madras High Court Declares Cryptocurrency as Property, Not Currency — A Landmark Verdict That Redefines India’s Digital Future

October 26, 2025

18-Year-Old Dhaanvi Karthikeyan Becomes First Tamil Nadu Girl to Visit Russian Space Centre

October 26, 2025
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram
Bharat Speaks
Subscribe
  • Trending
  • Motivation
  • Health
  • Education
  • Development
  • About Us
Bharat Speaks
Home»Health»आयुर्वेद और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मेल: क्या प्राचीन ज्ञान से मिलेगी आधुनिक बीमारियों की दवा?
Health

आयुर्वेद और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मेल: क्या प्राचीन ज्ञान से मिलेगी आधुनिक बीमारियों की दवा?

BharatSpeaksBy BharatSpeaksAugust 1, 2025Updated:August 1, 2025No Comments3 Mins Read
Facebook Twitter LinkedIn Telegram WhatsApp Email
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

बेंगलुरु की एक प्रयोगशाला में वैज्ञानिक कुछ हजार साल पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों को पढ़ रहे हैं—मगर इन ग्रंथों को इंसान नहीं, मशीनें पढ़ रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से अब इन प्राचीन ग्रंथों का अनुवाद और विश्लेषण हो रहा है ताकि उनमें छिपी दवाओं और उपचार पद्धतियों को फिर से खोजा जा सके। उद्देश्य है—डायबिटीज, गठिया और अन्य पुरानी बीमारियों के लिए नए उपचार ढूंढना।

जब मशीनें पढ़ने लगीं संस्कृत

भारत में हजारों वर्षों से चले आ रहे आयुर्वेदिक ज्ञान का बड़ा हिस्सा संस्कृत और प्राकृत जैसी भाषाओं में लिखा गया है। अब आधुनिक AI तकनीकों, जैसे कि नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), की मदद से इन ग्रंथों को डिजिटल फॉर्मेट में बदला जा रहा है।

“AI इन ग्रंथों को एक नई ज़िंदगी दे रहा है,” भारतीय समन्वित चिकित्सा संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमेश अय्यर कहते हैं। “हम अब जड़ी-बूटियों, लक्षणों और इलाज की पद्धतियों को सिस्टमेटिक तरीके से निकालकर आधुनिक चिकित्सा से जोड़ पा रहे हैं।”

AI मॉडल न केवल ग्रंथों से जड़ी-बूटियों और इलाज की विधियों को पहचान रहे हैं, बल्कि उन्हें आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के डेटा से भी जोड़ रहे हैं—ताकि यह पता चल सके कि कौन से पौधे और तत्व वास्तव में जैविक रूप से प्रभावी हैं।

पुरानी बीमारियों के लिए प्राचीन उपाय

AI की मदद से जिन प्रमुख बीमारियों पर काम हो रहा है उनमें टाइप-2 डायबिटीज, आंतों की सूजन, ऑटोइम्यून रोग और मेटाबॉलिक सिंड्रोम शामिल हैं। IIT दिल्ली के एक प्रोजेक्ट में तो AI ने insulin resistance के लिए एक लगभग भूली हुई आयुर्वेदिक दवा की पहचान भी की है, जिसके शुरुआती नतीजे सकारात्मक रहे हैं।

स्टार्टअप्स जैसे कि निरोगस्ट्रीट और आर्या.ai पारंपरिक वैद्य, वैज्ञानिकों और डेटा एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर प्राचीन ज्ञान को आधुनिक प्रमाण आधारित चिकित्सा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

परंपरा और तकनीक के बीच संतुलन की चुनौती

जहां एक ओर इस तकनीकी प्रयोग से नई संभावनाएं बन रही हैं, वहीं पारंपरिक वैद्य समुदाय चिंता भी जता रहा है। वे मानते हैं कि आयुर्वेद केवल जड़ी-बूटियों का विज्ञान नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली, ऋतुओं और शरीर के संतुलन का विज्ञान है।

“अगर आप केवल दवा निकालकर उसे आधुनिक तरीके से बेचने लगेंगे, तो यह आयुर्वेद नहीं रहेगा,” डॉ. नीता द्विवेदी कहती हैं, जो केंद्रीय आयुर्वेद परिषद की सदस्य हैं। “AI सहायक हो सकता है, लेकिन मार्गदर्शक नहीं।”

सरकार के आयुष मंत्रालय ने अब इस क्षेत्र में डिजिटल स्टैंडर्ड्स और एथिकल गाइडलाइन्स बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

क्या यह हेल्थकेयर का भविष्य है?

भले ही चुनौतियां हों, लेकिन इस काम में तेजी आ रही है। बड़े दवा उद्योग भी इसमें रुचि ले रहे हैं, और शहरी मरीजों में आयुर्वेद के प्रति विश्वास फिर से बढ़ रहा है।

“यह परंपरा बनाम विज्ञान की लड़ाई नहीं है,” बेंगलुरु की AI एथिक्स विशेषज्ञ डॉ. शालिनी वर्मा कहती हैं। “यह उन दोनों के बीच पुल बनाने की कोशिश है—एक ऐसा पुल जो हेल्थकेयर को एक नई दिशा दे सकता है।”

जब AI प्राचीन ज्ञान की भाषा समझने लगे, तो शायद आधुनिक इलाज का भविष्य अतीत की किताबों में ही छुपा हो।

📲 Join Our WhatsApp Channel
Algoritha Registration
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
Previous ArticleHot Air Balloon Rides Coming to Delhi! Adventure Awaits at 4 Iconic Spots
Next Article रसायन चिकित्सा: आयुर्वेद की प्राचीन विधि अब आधुनिक एंटी-एजिंग वैज्ञानिकों की नजर में
BharatSpeaks

Related Posts

Breaking Barriers in Medicine: Gurgaon’s Artemis Hospital Performs Four ABO-Incompatible Liver Transplants in One Month

October 25, 2025

8 Homemade Drinks to Naturally Detox Your Kidneys and Improve Urine Health

October 24, 2025

“Digital Blindness?” Experts Reveal the Hidden Eye Damage Caused by Scrolling Reels

October 21, 2025
Add A Comment
Leave A Reply Cancel Reply

Top Posts

Subscribe to Updates

Get the latest sports news from SportsSite about soccer, football and tennis.

Welcome to BharatSpeaks.com, where our mission is to keep you informed about the stories that matter the most. At the heart of our platform is a commitment to delivering verified, unbiased news from across India and beyond.

We're social. Connect with us:

Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
Top Insights
Get Informed

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

© 2025 Bharat Speaks.
  • Trending
  • Motivation
  • Health
  • Education
  • Development
  • About Us

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.