दुनियाभर में स्वास्थ्य, पर्यावरण और नैतिक कारणों से शाकाहार अपनाने वालों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन फ्रांस की सरकारी संस्था एजेंसी फॉर फूड, एनवायरमेंटल एंड ऑक्युपेशनल हेल्थ एंड सेफ्टी (Anses) ने हाल ही में पाँच साल तक चले एक बड़े अध्ययन में बताया है कि यह जीवनशैली जहाँ कई फायदे देती है, वहीं कुछ छिपे हुए जोखिम भी साथ लाती है।
दिल और मधुमेह पर सकारात्मक असर
अध्ययन से पता चला कि शाकाहारी आहार लेने वालों में टाइप-2 डायबिटीज़ का खतरा कम होता है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि पौधों पर आधारित आहार से दिल की बीमारियों, मोटापे और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा घट सकता है। वजन नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर संतुलित रखने में भी यह आहार मददगार साबित होता है।
ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी
फिर भी Anses ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक शाकाहारी या विशेष रूप से वीगन आहार लेने वालों में कई आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- विटामिन B12, आयरन, आयोडीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन D की कमी से हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं।
- वीगन आहार में अक्सर विटामिन B2 की भी कमी देखी जाती है।
हड्डियों पर असर
हड्डियों से जुड़ा निष्कर्ष मिश्रित रहा।
- कई अध्ययन बताते हैं कि पोस्टमेनोपॉज़ल (रजोनिवृत्ति के बाद) महिलाओं में हड्डी टूटने या घनत्व कम होने का खतरा बढ़ सकता है।
- ब्रिटेन में हुए EPIC-Oxford अध्ययन में पाया गया कि वीगन लोगों में कूल्हे और अन्य हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम अधिक था, भले ही उन्होंने पर्याप्त कैल्शियम और प्रोटीन लिया हो।
- वहीं, अन्य शोधों में यह भी दिखा कि यदि आहार में पर्याप्त प्रोटीन, हरी सब्ज़ियाँ और कैल्शियम स्रोत शामिल हों, तो हड्डियों को कोई खास नुकसान नहीं होता।
दिल की सेहत पर मजबूत सबूत
पौधों पर आधारित आहार लेने वालों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और सूजन के स्तर कम पाए गए। एक रिपोर्ट के अनुसार, शाकाहारी लोगों में हृदय रोग का खतरा 15% तक और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ का खतरा 21% तक कम हो सकता है।
निचोड़: संतुलित शाकाहार ही सुरक्षित
अध्ययन का संदेश साफ है—संतुलित और योजनाबद्ध शाकाहार सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है, लेकिन पोषक तत्वों की कमी की अनदेखी गंभीर परिणाम ला सकती है।
- आहार में दालें, मेवे, बीज, हरी सब्ज़ियाँ और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ शामिल करना ज़रूरी है।
- विटामिन B12 और D जैसे सप्लीमेंट्स कई लोगों के लिए अनिवार्य हो सकते हैं।
- नियमित व्यायाम और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच से हड्डियों और दिल की सेहत पर नज़र रखी जानी चाहिए।