बाहर का खाना स्वादिष्ट तो होता है, लेकिन अक्सर हमारी पाचन-प्रणाली पर भारी पड़ सकता है। हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी का मानना है कि अगर कुछ सरल नियम अपनाए जाएँ, तो रेस्टोरेंट में भोजन करते हुए भी आंतों का स्वास्थ्य सुरक्षित रखा जा सकता है।
सात समझदारी भरे नियम
डॉ. सेठी के मुताबिक, बाहर खाने का आनंद और आंतों की सेहत — दोनों साथ चल सकते हैं, बशर्ते कुछ आदतों पर ध्यान दिया जाए:
- अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से बचें — इनमें मौजूद एडिटिव्स और प्रिज़र्वेटिव्स आंतों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- लीन प्रोटीन चुनें — जैसे मछली, चिकन या दालें, जो पचने में आसान और पौष्टिक होती हैं।
- सॉस और ड्रेसिंग का सीमित उपयोग करें — इनमें अक्सर छिपी हुई शक्कर और अस्वस्थ वसा होती है।
- सब्ज़ियों को प्राथमिकता दें — ये फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं।
- स्मार्ट कार्बोहाइड्रेट लें — रिफाइंड की बजाय साबुत अनाज पाचन को बेहतर रखते हैं।
- पेय पदार्थों का सही चुनाव करें — मीठे और अल्कोहलिक ड्रिंक से बचें, पानी या हर्बल विकल्प अपनाएँ।
- मिठाई संयम से खाएँ — फलों पर आधारित या छोटी पोर्शन वाली डेज़र्ट से मीठे की इच्छा भी पूरी होगी और सेहत भी सुरक्षित रहेगी।
क्यों है ज़रूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि रेस्टोरेंट भोजन अक्सर अधिक नमक, तेल और स्वाद बढ़ाने वाले तत्वों से भरपूर होता है। यही कारण है कि यह पेट और आंतों पर दबाव डाल सकता है। डॉ. सेठी की ये सात टिप्स लोगों को बाहर खाने के दौरान स्वाद और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाने में मदद कर सकती हैं।