भारत में कारों के प्रति जुनून सिर्फ़ स्पीड और नई तकनीक तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें इतिहास और शान भी शामिल है। यही वजह है कि देशभर में कई लोग दशकों पुरानी कारों को आज भी संजोकर रखते हैं। अब इन विंटेज कार प्रेमियों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफ़ा दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने ऐलान किया है कि अब पूरे देश में 50 साल या उससे अधिक पुरानी कारों को ‘विंटेज श्रेणी’ में पंजीकृत किया जा सकेगा। यह कदम न केवल इन गाड़ियों की विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि मालिकों को कानूनी और प्रशासनिक सुविधा भी देगा।
क्या है विंटेज श्रेणी?
कोई भी वाहन जो 50 साल या उससे पुराना हो और अच्छी स्थिति में हो, उ विंटेज श्रेणी में रखा जाएगा।
ऐसे वाहनों को विशेष नंबर प्लेट और पंजीकरण प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
फायदे क्या होंगे?
●गाड़ी की पहचान और वैधता की समस्या खत्म होगी।
●चोरी या गैरकानूनी इस्तेमाल से सुरक्षा मिलेगी।
●शादियों, प्रदर्शनों और विशेष आयोजनों में विंटेज कारें कानूनी तौर पर चलाई जा सकेंगी।
●राज्य सरकारों को इन वाहनों का रिकॉर्ड रखना आसान होगा।
विंटेज कार मालिकों में उत्साह
लखनऊ, आगरा और दिल्ली जैसे शहरों में कई कारोबारी और कलेक्टर दशकों पुरानी गाड़ियों को संजोकर रखते हैं। रोल्स रॉयस, शेवरले, एम्बैसडर और फिएट जैसी कारें अक्सर उनकी कलेक्शन में शामिल होती हैं।
कार कलेक्टर राजीव श्रीवास्तव ने कहा—
“हमारी पुरानी गाड़ियाँ सिर्फ़ वाहन नहीं, बल्कि भारत की धरोहर हैं। सरकार का यह कदम उन्हें नई पहचान देगा।”
सरकार की यह पहल न सिर्फ़ ऑटोमोबाइल हेरिटेज को संरक्षित करेगी, बल्कि पर्यटन और ऑटोमोबाइल इवेंट्स को भी बढ़ावा देगी। आने वाले समय में विंटेज कार रैलियों और प्रदर्शनियों में ज़बरदस्त इज़ाफा देखने को मिल सकता है।