एलन मस्क से लेकर सैम ऑल्टमैन तक, कुछ चुनिंदा दिग्गज न सिर्फ़ अपनी कंपनियों को बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार दे रहे हैं। फ़ॉर्च्यून की ताज़ा रैंकिंग इस शक्ति-संतुलन का आईना है।
मस्क और हुआंग सबसे आगे
फ़ॉर्च्यून की 2024 की सूची में एलन मस्क नंबर एक पर हैं। टेस्ला, स्पेसएक्स और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X जैसे उपक्रमों के ज़रिए उनका असर बिजली से चलने वाली गाड़ियों से लेकर अंतरिक्ष यात्रा और ऑनलाइन संवाद तक फैला हुआ है। दूसरे स्थान पर एनविडिया के संस्थापक जेनसन हुआंग हैं, जिनकी कंपनी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के हार्डवेयर की रीढ़ बन चुकी है। यह दिखाता है कि कारोबार का भविष्य अब तकनीक के इर्द-गिर्द घूम रहा है।
एआई के दौर में माइक्रोसॉफ़्ट और मेटा
माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ सत्य नडेला तीसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने ओपनएआई के साथ साझेदारी कर कंपनी को एआई का केंद्र बना दिया है। मेटा के मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के टिम कुक भी सूची में ऊँचे पायदान पर हैं, यह साबित करते हुए कि डेटा, संवाद और डिजिटल पहचान पर पकड़ अब भी सबसे बड़ी ताक़त है। ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन पहली बार टॉप-10 में शामिल हुए हैं, जो यह दिखाता है कि एआई शोध से निकलकर अब व्यवसाय और नीति निर्माण की धुरी बन चुका है।
वित्त और पारंपरिक उद्योग की पकड़
बर्कशायर हैथवे के वॉरेन बफ़ेट और जेपी मॉर्गन चेज़ के जैमी डाइमोन यह दर्शाते हैं कि तकनीकी उछाल के बावजूद वित्तीय जगत की पकड़ अब भी मज़बूत है। जनरल मोटर्स की मेरी बारा और सिटीग्रुप की जेन फ़्रेज़र उन कुछ महिलाओं में शामिल हैं जो बदलाव और संकटों के दौर में बड़ी कंपनियों की कमान संभाले हुए हैं। बैंक ऑफ़ अमेरिका के ब्रायन मॉयनिहान भी इस सूची में शामिल हैं।
वैश्विक असर और स्थानीय ताक़त
सूची यह भी बताती है कि अमेरिका के बाहर भी कारोबारी शक्ति बढ़ रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के प्रमुख मुकेश अंबानी भारत की आर्थिक मौजूदगी को मज़बूती से रखते हैं, वहीं हुआवेई के रेन झेंगफ़ेई चीन की तकनीकी महत्वाकांक्षा के प्रतीक हैं। अमेज़न से पीछे हटने के बावजूद जेफ़ बेज़ोस अब भी ब्लू ओरिजिन और अपने व्यापक व्यावसायिक साम्राज्य के ज़रिए प्रभाव बनाए हुए हैं।
फ़ॉर्च्यून की 2024 सूची सिर्फ़ व्यक्तिगत उपलब्धियों की नहीं है, बल्कि इस नई हक़ीक़त का बयान है कि असली ताक़त अब पूँजी या बाज़ार हिस्सेदारी में नहीं, बल्कि उन तकनीकों और नीतियों को आकार देने में है जिन पर समाज निर्भर करता है।