बैजू प्रफुलकुमार भट्ट, भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी, फोर्ब्स की 2025 की यंगेस्ट बिलियनेयर्स सूची में जगह बनाने वाले एकमात्र भारतीय मूल के सह-संस्थापक बने हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद उन्होंने व्लाद टेनेव के साथ मिलकर 2013 में शून्य कमीशन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म रॉबिनहुड की स्थापना की थी।
शुरुआती जीवन और संघर्ष
भट्ट का जन्म वर्जीनिया में हुआ था। उनके पिता गुजरात से उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका आए थे। आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से जूझते हुए परिवार ने कठिन समय देखा। इन अनुभवों ने भट्ट को दृढ़ता और नवाचार की दिशा में प्रेरित किया।
रॉबिनहुड का सफर
2013 में लॉन्च हुआ रॉबिनहुड युवाओं और छोटे निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ। बिना कमीशन ट्रेडिंग की सुविधा देने वाले इस ऐप ने वॉल स्ट्रीट की पारंपरिक संरचना को चुनौती दी। 2020 तक भट्ट कंपनी के सह-सीईओ रहे और बाद में चीफ़ क्रिएटिव ऑफिसर बने। 2024 में उन्होंने कार्यकारी जिम्मेदारियाँ छोड़ दीं, लेकिन बोर्ड के सदस्य बने रहे।
अरबपति का सफर
आज भट्ट की कुल संपत्ति लगभग 6 अरब डॉलर आंकी जाती है, जो मुख्यतः रॉबिनहुड में उनकी हिस्सेदारी से आती है। कंपनी का 2024 में राजस्व लगभग 3 अरब डॉलर तक पहुंचा और नए वित्तीय उत्पादों तथा क्रिप्टो सेवाओं ने इसकी पकड़ और मजबूत की।
महत्व और प्रतीक
फोर्ब्स सूची में भारतीय मूल के भट्ट का शामिल होना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह प्रवासी भारतीयों की बढ़ती वैश्विक भूमिका और फिनटेक उद्योग के महत्व को भी रेखांकित करता है। यह कहानी बताती है कि कठिनाइयों से निकलकर नवाचार और शिक्षा के बल पर विश्व स्तर पर नई पहचान बनाई जा सकती है।