दुनिया भर के 1.39 करोड़ लोगों के डेटा पर आधारित Ranking Royals की नई ‘Highest Average IQ by Country 2025’ रिपोर्ट जारी हो गई है, और एक बार फिर एशियाई देशों ने इस वैश्विक बुद्धिमत्ता रैंकिंग में अपना दबदबा कायम रखा है। इस विस्तृत अध्ययन में औसत IQ स्कोर, आबादी का प्रभाव और देशों के बीच तुलना सहित कई कारकों का विश्लेषण किया गया है।
चीन फिर सबसे ऊपर—107.19 औसत IQ के साथ नंबर 1
रिपोर्ट के अनुसार, चीन 107.19 के औसत IQ के साथ दुनियाभर में पहले स्थान पर है। दिलचस्प बात यह है कि चीन की विशाल आबादी—जो दुनिया की 18% से ज्यादा है—वैश्विक औसत IQ को भी काफी हद तक प्रभावित करती है। इस कारण, विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का उच्च IQ स्कोर विश्व स्तर पर इंटेलिजेंस डेटा को संतुलित करता है।
टॉप 5 में एशियाई देशों की बादशाहत
रैंकिंग में शीर्ष स्थानों पर एशियाई देशों का कब्ज़ा है:
1. चीन — 107.19
2. दक्षिण कोरिया — 106.43
3. जापान — 106.40
4. ईरान — 106.30
5. सिंगापुर — 105.14
ये आंकड़े बताते हैं कि शिक्षा, तकनीक, रीसेर्च और अनुशासन जैसे तत्व एशियाई देशों में उच्च IQ औसत बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

यूरोपीय देशों की स्थिति—मज़बूत पर पीछे
रिपोर्ट में फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, फ़िनलैंड, बेल्जियम और ग्रीस जैसे देशों ने 100 के आसपास स्कोर किया है। अधिकांश यूरोपीय देश 99–101 के बीच हैं, जबकि अमेरिका का औसत IQ 99.74 दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट का दायरा—63 देशों का विश्लेषण
इस वैश्विक अध्ययन में शामिल 63 देशों में से:
◆अधिकतर देश 99–102 के बीच हैं
◆ग्लोबल औसत IQ 100 माना गया है
◆पहले की रिपोर्टों से केवल 2–3 अंक का मामूली बदलाव देखा गया है
भारत का उल्लेख क्यों नहीं?
रिपोर्ट के इस संस्करण में भारत की रैंकिंग सूची में शामिल नहीं है। अक्सर अंतरराष्ट्रीय IQ डेटाबेस में भारत का डेटा पर्याप्त सैंपल साइज न होने या असंगत टेस्टिंग मेथड के कारण शामिल नहीं होता।
क्या बताती है यह रिपोर्ट?
1. एशिया में शिक्षा, प्रतियोगिता और स्किल-ड्रिवन कल्चर IQ वृद्धि में अहम भूमिका निभाते हैं।
2. यूरोप और अमेरिका का औसत स्थिर है, पर एशिया की तुलना में धीमी प्रगति देखी गई है।
3. यह रैंकिंग देशों की बुद्धिमत्ता नहीं, बल्कि औसत स्कोर दर्शाती है—जो कई सामाजिक और आर्थिक कारकों से प्रभावित होता है।
2025 की यह रिपोर्ट फिर साबित करती है कि बुद्धिमत्ता की वैश्विक दौड़ में एशिया सबसे आगे है। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया लगातार शीर्ष पर बने हुए हैं। बदलते वैश्विक आर्थिक और तकनीकी वातावरण में ये आंकड़े आने वाले वर्षों में और भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
