भारत की आर्थिक कहानी एक नए मोड़ पर खड़ी दिखाई दे रही है। वित्त वर्ष 2023–24 के आयकर रिटर्न (ITR) आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि देश में उच्च आय वर्ग का दायरा तेज़ी से फैल रहा है। ₹1 करोड़ से अधिक वार्षिक आय घोषित करने वाले करदाताओं की संख्या अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है, जो भारत की बदलती आर्थिक संरचना और उभरते अवसरों को दर्शाती है।
महाराष्ट्र बना देश का करोड़पति हब
आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र इस सूची में सबसे आगे है। FY24 में राज्य में 1.24 लाख से अधिक लोगों ने ₹1 करोड़ से ज्यादा की सालाना आय घोषित की। मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे बड़े शहरी केंद्रों में मौजूद कॉरपोरेट हेडक्वार्टर, वित्तीय सेवाएं, फिल्म इंडस्ट्री और स्टार्टअप इकोसिस्टम ने इस बढ़त में अहम भूमिका निभाई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि महाराष्ट्र की मजबूत टैक्स अनुपालन संस्कृति भी इसकी एक बड़ी वजह है।
उत्तर प्रदेश की तेज़ आर्थिक उड़ान
दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश रहा, जहां 24,050 से अधिक लोग करोड़पति आय वर्ग में शामिल हुए। नोएडा और गाजियाबाद जैसे NCR क्षेत्र के शहरों में आईटी, रियल एस्टेट और सर्विस सेक्टर के विस्तार ने राज्य की आर्थिक तस्वीर को बदला है। लखनऊ और कानपुर में भी कारोबार और प्रोफेशनल सेवाओं का दायरा तेजी से बढ़ा है।

दक्षिण और राजधानी क्षेत्र की मजबूत पकड़
दिल्ली में 20,500 से अधिक करोड़पति करदाता दर्ज किए गए। वहीं तमिलनाडु (6,288) और कर्नाटक (2,816) में आईटी, स्टार्टअप्स, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने उच्च आय वर्ग को मजबूती दी है। बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहर इस वृद्धि के प्रमुख केंद्र रहे।
मध्य और पूर्वी भारत में भी उभरती समृद्धि
मध्य प्रदेश (8,666), गुजरात (3,540), पश्चिम बंगाल (3,013) और बिहार (2,576) जैसे राज्यों के आंकड़े यह साफ़ संकेत देते हैं कि करोड़पति अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहे। छोटे शहरों में व्यापार, निर्माण, कृषि-आधारित उद्योग और डिजिटल सेवाओं ने नई संभावनाएं पैदा की हैं।
छोटे राज्यों में धीमी लेकिन स्थिर प्रगति
सिक्किम, मिजोरम, नागालैंड, लद्दाख और लक्षद्वीप जैसे राज्यों में संख्या अपेक्षाकृत कम है, लेकिन यहां भी आर्थिक गतिविधियों में निरंतर सुधार देखा जा रहा है।
क्या संकेत देता है यह ट्रेंड?
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, ये आंकड़े दर्शाते हैं कि:
●भारत में उच्च आय वर्ग का विस्तार तेज़ हो रहा है
●डिजिटल अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप संस्कृति का असर जमीनी स्तर तक पहुंच रहा है
●टैक्स अनुपालन और पारदर्शिता में सुधार हुआ है
●समृद्धि अब केवल कुछ चुनिंदा शहरों की कहानी नहीं रही
कुल मिलाकर, भारत की आर्थिक प्रगति अब अधिक व्यापक, विविध और समावेशी होती नज़र आ रही है।
