खुशबू और कोमल त्वचा का दावा करने वाले मशहूर ब्रांड Dove पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे एक पोस्ट के अनुसार, यूनिलीवर की इस मल्टीनेशनल कंपनी के उत्पादों में इस्तेमाल हो रहे एक खतरनाक केमिकल को लेकर कई देशों ने सख्त कदम उठाए हैं।
जानकारी के मुताबिक, Dove साबुन में Butylphenyl Methylpropional (BMHCA) नामक केमिकल का इस्तेमाल किया गया है, जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक माना जाता है। यह रसायन प्रजनन तंत्र (Reproductive System) और त्वचा (Skin Health) दोनों पर बुरा असर डाल सकता है।
जर्मनी और नाइजीरिया में बैन, भारत में अब भी खुलेआम बिक्री
रिपोर्ट्स के अनुसार,
जर्मनी में वर्ष 2024 में इस केमिकल के कारण Dove जैसे उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया।
इसके बाद जून 2025 में नाइजीरिया ने भी ऐसे उत्पादों पर बैन लगा दिया।
इन देशों ने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सख्त नियामक कदम उठाए, लेकिन सवाल यह है कि भारत में अब भी ऐसे उत्पाद खुलेआम कैसे बिक रहे हैं?
भारत में स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल
सोशल मीडिया यूज़र वत्सला सिंह ने इस मुद्दे को उठाते हुए लिखा कि एक तरफ विकसित देश ऐसे केमिकल्स पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, वहीं भारत में न केवल साबुन बल्कि कफ सिरप जैसे उत्पादों में भी जहरीले तत्व बिक रहे हैं।
यह मामला भारत की उपभोक्ता सुरक्षा व्यवस्था, खाद्य एवं औषधि नियामक एजेंसियों, और मल्टीनेशनल कंपनियों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, BMHCA जैसे केमिकल्स का लंबे समय तक इस्तेमाल:
●हार्मोनल असंतुलन
●त्वचा संबंधी एलर्जी
●प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव
जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
अब क्या ज़रूरी है?
●भारत में सख्त जांच और तत्काल समीक्षा
●अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैन किए गए केमिकल्स की सूची का पालन
●उपभोक्ताओं को स्पष्ट लेबलिंग और चेतावनी
●और सबसे जरूरी, लोगों में जागरूकता
यह मामला केवल एक साबुन का नहीं, बल्कि देश की स्वास्थ्य सुरक्षा और नियामक जिम्मेदारी का है।
