राजस्थान में नकली दूध का खुलासा
राजस्थान के अजमेर जिले में सावर थाना पुलिस ने एक खतरनाक मिलावटखोरी रैकेट का खुलासा किया है। यह गोरखधंधा सरपंच पति आशाराम मीणा के फार्म हाउस में चल रहा था, जहां दूध को रसायनों की मदद से दोगुना किया जा रहा था।
कैसे बनता था नकली दूध?
- आरोपी हर दिन गुलाबपुरा से 1500 लीटर शुद्ध दूध खरीदते थे
- दूध को फार्म हाउस पर लाकर उसमें सल्फ्यूरिक एसिड, कास्टिक सोडा, और अन्य रसायनों की मिलावट की जाती थी
- इस प्रक्रिया से दूध की मात्रा लगभग 3000 लीटर तक बढ़ा दी जाती थी
- मिलावटी दूध को कोटा के विभिन्न क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता था
- दूध को लोटस कंपनी की बीएमसी मशीन में स्टोर किया जाता था
फार्म हाउस से क्या-क्या मिला?
पुलिस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकली दूध और सामग्री जब्त की गई:
- 2600 लीटर मिलावटी दूध
- 13 प्लास्टिक केन
- सल्फ्यूरिक एसिड के डिब्बे
- इलेक्ट्रॉनिक कांटा (तोलने की मशीन)
- मिल्क पाउडर के पैकेट
- बोलेरो पिकअप वाहन
गिरफ्तार हुए 4 आरोपी
पुलिस ने मौके से 4 लोगों को गिरफ्तार किया:
- दिनेश उर्फ दीपू
- महावीर
- सांवरिया रेगर
- आशीष मीणा
मुख्य आरोपी आशाराम मीणा, जो इस पूरे नेटवर्क का संचालक है, मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
जनता की जान से खिलवाड़
सल्फ्यूरिक एसिड जैसे घातक रसायन का दूध में इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए जानलेवा हो सकता है। कुछ बूंदें ही आंतरिक अंगों को क्षति पहुंचा सकती हैं।
थानाधिकारी बनवारी लाल मीणा की अगुवाई में हुई यह कार्रवाई एक बड़े स्वास्थ्य संकट को टालने में सफल रही।
पुलिस की अपील
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि:
- दूध और डेयरी उत्पाद खरीदते समय सतर्क रहें
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की स्थानीय थाने या खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचना दें
- स्वास्थ्य को लेकर कोई समझौता न करें