भारत में अपराध की दुनिया पहले जैसी नहीं रही।
अब चोर सिर्फ ताले नहीं तोड़ते—वे फायरवॉल तोड़ते हैं।
ठग अब सड़क पर नहीं, बल्कि मोबाइल स्क्रीन पर हमला करते हैं।
और अपराधी अब पहचान छुपाने के लिए नकाब नहीं, deepfake और VPNs का सहारा लेते हैं।
ऐसे समय में भारत की कानून-व्यवस्था को एक ऐसे ‘टेक-ब्रेन’ की जरूरत थी, जो अपराधियों से दो कदम आगे रहे—और इसी सोच से जन्म हुआ Centre for Police Technology (CPT) का, जो आने वाले वर्षों में भारतीय पुलिसिंग की तस्वीर बदलने जा रहा है।
भारत की पुलिस को मिला हाई-टेक “Mission Control Centre”
CPT महज़ एक लैब नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुरक्षा इकोसिस्टम है—एक ऐसा इंटेलिजेंस हब जिसमें पुलिस, साइबर एक्सपर्ट, डेटा साइंटिस्ट और टेक्नोलॉजी इंजीनियर एक साथ मिलकर अपराध के खिलाफ युद्ध लड़ेंगे।
यहां से पुलिस को मिलेगा:
●AI Surveillance Grid
संदिग्ध गतिविधियों की रियल-टाइम पहचान
●Predictive Policing Models
अपराध होने से पहले संभावित लोकेशन/पैटर्न की पहचान
●Advanced Forensic Labs
DNA, digital footprints, device forensics—सब एक ही छत के नीचे
●Cyber Intelligence Operations
साइबर गिरोहों, हैकर्स और फ्रॉड नेटवर्क की ट्रैकिंग
●Drone & UAV Command System
भीड़ नियंत्रण, सीमाई क्षेत्रों और संवेदनशील ज़ोन की निगरानी

Modern Crime को Modern जवाब—मशीनों और इंसानों की नई साझेदारी
आज अपराध सिर्फ गली-मोहल्लों में नहीं होते।
वे सर्वर रूम्स, मोबाइल स्क्रीन, बैंकिंग सिस्टम और सोशल मीडिया पर भी होते हैं।
जिस तरह अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसी तरह अब पुलिस भी करेगी:
●Deepfake और Face Morphing Detection Tools
●AI Voice Recognition & Anti-Spoofing Systems
●Dark Web Monitoring Units
●Financial Fraud Pattern Analytics
●Mobile Forensics, Cloud Forensics और IoT Data Extraction
अब अपराध सिर्फ “सॉल्व” नहीं होंगे—प्रेडिक्ट भी किए जाएंगे।
भारत की सुरक्षा को मिल रहा है एकीकृत डिजिटल शील्ड
अब देश की पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां, इंटेलिजेंस यूनिट्स और विशेष फोर्सेज एक ही डिजिटल फ्रेमवर्क से कनेक्ट होंगी।
यह seamless data-sharing अपराध की स्पीड को तोड़ेगी और जांच की सटीकता को बढ़ाएगी।
हर केस में फाइलों और कागजों के ढेर की जगह मिलेगी:
●Instant digital records
●Cross-agency alerts
●Automated suspect profiling
●Crime heat maps और real-time dashboards
यह policing का नया युग है—जहां अपराध होने के बाद कार्रवाई नहीं, पहले रोकथाम प्राथमिकता है।

2025: भारत में Tech-Driven Security का टर्निंग पॉइंट
CPT सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं—यह भारत की सुरक्षा सोच का ‘माइंडशिफ्ट’ है।
यह बताता है कि दुनिया बदल गई है, और भारत की policing भी उसके साथ बदल चुकी है।
यह सेंटर भारत को देगा:
◆तेज़, स्मार्ट और वैज्ञानिक जांच
◆साइबर अपराधों पर कड़ा नियंत्रण
◆शहरों में बेहतर सुरक्षा मैनेजमेंट
◆इंटरनेशनल स्तर पर मजबूत tech-policing पहचान
क्यों यह एक Game-Changer साबित होगा?
साइबर अपराधों, फेक आइडेंटिटी, पेमेंट फ्रॉड और AI-based crimes पर कड़ी पकड़
●पुलिस बल की क्षमता कई गुना बढ़ेगी
●अपराध पैटर्न समझने में unprecedented accuracy
●भारत के स्मार्ट शहरों को मिलेगा एक हाई-टेक सुरक्षा कवच
●देश पहली बार global policing standards की बराबरी पर
