लखनऊ : अन्नदाता किसान अब अपनी आय भी दोगुनी या इससे भी ज्यादा बढ़ा सकेंगे। क्योंकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नए साल में 6 जनवरी को किसान कल्याण मिशन का शुभारंभ किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के बंथरा में किसान मेले का उद्घाटन किया और किसानों को संबोधित करते हुए नए कृषि कानूनों के फायदे बताएं। सीएम ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश का किसान सही मायनों में अपनी मेहनत का असली फल पाने का हकदार बन पाया है। अब किसान इस देश के राजनीतिक एजेंडे में शामिल हुआ है। वरना, अभी तक किसान कई राजनीति पार्टियों के लिए वोट बैंक का जरिया ही बनकर रह गया था। लेकिन उत्तर प्रदेश में किसान कल्याण मिशन का शुभारम्भ होने से मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है।
जय जवान, जय किसान का नारा आया, लेकिन हाशिये पर किसान ही रहे थे : CM
सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसान कल्याण मिशन का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस देश ने जय जवान, जय किसान के नारे भी दिए। लेकिन ये सिर्फ नारे तक ही सीमित रह गया। किसानों के हित में कभी फैसले नहीं लिए गए। यही वजह है कि किसान हमेशा हाशिये पर रहा। लेकिन देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने जय जवान, जय किसान के नारे को साकार करते हुए किसान को योजनाओं से जोड़ा। प्रधानमंत्री फसल योजना के माध्यम से नुक़सान हुए फसल का पैसा अब कोई भी किसान आसानी से ले सकता है। किसानों को अब अन्न उपजाने के लिए लागत भी कम लगाना पड़ रहा है। उत्पादन बढ़ाने के लिए कई नई तकनीक का सहारा भी मिल रहा है। यही वजह है कि आज किसान आत्महत्या नहीं, बल्कि अपनी आमदनी को दोगुना और तिगुना करने में लगा हुआ है। जबकि वर्ष 2007 से 2014 तक सबसे ज़्यादा किसानों ने आत्महत्या की थी। लेकिन अब ये बड़ा बदलाव आया है।
योगी सरकार की 5 खास बातें जिनसे किसानों को मिल रहा सीधे फायदा
1-योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश में यूरिया के दामों में कमी करने के लिए प्राकृतिक गैस पर अतिरिक्त वैट को वापस ले लिया है। इससे यूरिया के दाम में 10 फीसदी की गिरावट आई है। यूरिया के रेट में आई कमी से साफ है कि किसान की लागत भी कम हो जाएगी। यानी लागत कम और लाभ ज्यादा।
2- अब यूपी में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त में बोरिंग की सुविधा दी जा रही है। इससे पहले तक कागजों में ही बोरिंग हो जाती थी। जिससे किसान परेशान होते थे। लेकिन इस बार की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक करीब 3 लाख बोरिंग की जा चुकी है।
3- किसानों की आय में बढ़ोतरी का ही नतीजा है कि मंडी परिषद की आय में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016-17 में मण्डी परिषद की आय 1210 करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 1822 करोड़ रुपये हुई। जनवरी 2020 तक कुल 1700 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई। यानी साफ है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार 703 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है।
4- पिछले साल यूपी सरकार ने 1 लाख 64 हज़ार करोड़ रुपये का फसल ऋण दिया। इससे किसानों को काफी लाभ हुआ। इसके अलावा पिछली सरकारों में गन्ना भुगतान को लेकर सवाल करने वाले किसानों को इस बार 77 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।
5- पहली बार ऐसा हुआ है कि 17 लाख किसानों को सीधे फायदा मिला है। क्योंकि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 13 हजार 600 करोड़ का ऋण देने की व्यवस्था की गई है। इससे प्रदेश में कृषि निवेश में भारी बढ़ोतरी हुई है। और इसका फायदा सीधे किसानों को मिलेगा। क्योंकि पैसों की वजह से किसान अपनी मर्जी और जरूरत के हिसाब से कृषि उपकरण, बीज और अन्य खरीद कर सकेगा।