गर्मी के मौसम में या थकान भरे दिन के बाद सिर पर ठंडा पानी डालना काफी सुकूनदेह लग सकता है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह आम सी लगने वाली आदत कई बार शरीर को अचानक झटका दे सकती है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकती है।
नई चेतावनियों के अनुसार, सिर पर ठंडा पानी डालना तंत्रिका तंत्र को चौंका सकता है, आंतरिक संतुलन को बिगाड़ सकता है और कुछ लोगों के लिए यह जानलेवा तक हो सकता है—विशेषकर उन लोगों के लिए जो हृदय रोग या न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से जूझ रहे हों।
अचानक ठंड लगना हृदय पर डाल सकता है दबाव
जब सिर पर ठंडा पानी डाला जाता है, तो शरीर का स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है—वेसोकंस्ट्रिक्शन, यानी रक्त नलिकाओं का सिकुड़ना। इससे रक्तचाप बढ़ सकता है और दिल की धड़कन तेज़ हो सकती है।
यह “कोल्ड शॉक रेस्पॉन्स” कहलाता है, जो दिल के मरीज़ों के लिए खासतौर पर ख़तरनाक हो सकता है। यहां तक कि स्वस्थ व्यक्ति को भी चक्कर या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है।
ब्रेन फ्रीज़: अचानक सिरदर्द जो डराए
सिर पर अचानक ठंडे पानी की धार गिरने से तीव्र सिरदर्द या ब्रेन फ्रीज़ हो सकता है। यह स्थिति कुछ सेकंड से कुछ मिनट तक रह सकती है और व्यक्ति को असहज बना सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह सामान्य रूप से खतरनाक नहीं होता, लेकिन माइग्रेन या साइनस से पीड़ित लोगों के लिए यह बेहद परेशानी बढ़ा सकता है।
संतुलन बिगड़ सकता है, चक्कर आ सकते हैं
कान के अंदर का वेस्टीब्यूलर सिस्टम शरीर के संतुलन को नियंत्रित करता है। जब ठंडा पानी सीधे सिर और कानों में पहुंचता है, तो यह सिस्टम अस्थायी रूप से असंतुलित हो सकता है—जिससे चक्कर, मतली, या बेहोशी तक हो सकती है।
यह खतरा बुजुर्गों और उन लोगों के लिए अधिक होता है जिन्हें पहले से कान या संतुलन की समस्या है।
नसों पर असर: झनझनाहट या चेहरा सुन्न होना
कुछ मामलों में, सिर और चेहरे पर अचानक ठंड पड़ने से चेहरे की नसों में झनझनाहट, हल्की सुन्नता या अस्थायी कमजोरी आ सकती है। ये लक्षण दिखने में स्ट्रोक जैसे लग सकते हैं, जिससे घबराहट हो सकती है।
हालांकि ये प्रभाव अक्सर थोड़े समय में ठीक हो जाते हैं, लेकिन बार-बार ऐसी ठंड झेलने से नर्व सेंसिटिविटी बढ़ सकती है।
दिमाग़ का तापमान गिरना: थकावट और फोकस की कमी
सिर शरीर का सबसे तेज़ी से तापमान खोने वाला हिस्सा होता है। सिर पर ठंडा पानी डालने से ब्रेन टेम्परेचर अचानक गिर सकता है, जिससे थकान, मंद सोच, और ध्यान में कमी आ सकती है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि नहाने के तुरंत बाद वाहन चलाना या कोई मानसिक कार्य करना इससे प्रभावित हो सकता है।
किन्हें ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है?
- हृदय रोग या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग
- माइग्रेन, साइनस, या चक्कर की समस्या वाले लोग
- बुजुर्ग या न्यूरोलॉजिकल संवेदनशीलता वाले व्यक्ति
सुरक्षित रहने के उपाय
- पहले हाथ-पैर या गर्दन पर पानी डालें, फिर धीरे-धीरे सिर पर
- सिर पर सीधे ठंडा पानी डालने से बचें
- कानों की सुरक्षा के लिए ईयरप्लग या कॉटन का प्रयोग करें
- ठंडे पानी के बाद तुरंत सूखे कपड़े पहनें और गर्म पेय लें
- किसी असामान्य लक्षण पर डॉक्टर से संपर्क करें
सिर पर ठंडा पानी डालना भले ही परंपरा में हो या व्यक्तिगत आदत में शामिल हो, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यह हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है। यदि आप ठंडे पानी के संपर्क में आना चाहते हैं, तो धीरे-धीरे अनुकूलन करें और सिर को पहले चरणों में शामिल न करें।
सिर्फ ताजगी के लिए जोखिम न उठाएं—थोड़ी समझदारी आपको लंबे समय तक स्वस्थ रख सकती है।