स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में उत्तर प्रदेश एक पायदान ऊपर चढ़ गया। इस बार सूबे को छठा स्थान मिला है। वर्ष 2020 के सर्वेक्षण में प्रदेश सातवें स्थान पर रहा था। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में वाराणसी को ‘नंबर वन बेस्ट गंगा टाउन’ का पुरस्कार मिला है। कूड़ा फ्री शहरों में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में लखनऊ को ‘बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीड बैक’ पुरस्कार मिला।
विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों से नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने पुरस्कार लिया। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार ने स्वच्छ अमृत महोत्सव-2021 में यूपी के 18 शहरों को देश के प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया। मेरठ को ‘फास्टेट्स मूवर बिग सिटी’ का पुरस्कार दिया गया। मेरठ को यह पुरस्कार 10 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में मिला है।
इसी श्रेणी में गाजियाबाद को ‘बेस्ट बिग सिटी इनोवेशन एंड बेस्ट प्रेक्टिसेस’ पुरस्कार मिला। एक लाख की आबादी वाले शहरों में कन्नौज को ‘नंबर वन बेस्ट गंगा टाउन’ पुरस्कार मिला। कूड़ा मुक्त शहरों में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में लखनऊ व गाजियाबाद को स्टार रे¨टग मिली है। एक लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा, अलीगढ़ व झांसी को भी स्टार रेटिंग का पुरस्कार मिला।
इन्हें मिला पुरस्कार-
नोएडा ( तीन लाख से 10 लाख आबादी)- ‘इंडियाज क्लीनेस्ट मीडियम सिटी’
हापुड़ ( एक लाख से अधिक आबादी)-‘बेस्ट सिटी इन मैक्सिमम सिटीजन पार्टिसिपेशन’
पटियाली (एक लाख से कम आबादी) -‘बेस्ट सिटी इन मैक्सिमम सिटीजन पार्टिसिपेशन’-
हसनपुर (50 हजार से एक लाख की आबादी)-‘फास्टेट मूवर सिटी’ पुरस्कार
आवागढ़ (25 हजार आबादी वाले शहर) -‘बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक’
गजरौला (50 हजार से एक लाख आबादी)-‘बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक’
मेरठ कैंट (एक लाख की आबादी)-‘इंडियाज क्लीनेस्ट कैंटोनमेंट
वाराणसी कैंट (एक लाख से अधिक) -‘बेस्ट कैंटोनमेंट इन सिटीजन फीडबैक’