लखनऊ : कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए खतरनाक रूप (स्ट्रेन) से भी सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। इसके लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 24 दिसंबर को लखनऊ के लोकभवन में एक खास मीटिंग की। राज्य के सबसे सीनियर अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि वायरस के नए स्वरूप से जनता को सेफ रखने के लिए विशेष प्रबंधन किए जाएं। इसमें खासतौर पर विदेश से आने वाले लोगों की निगरानी की जाए और उन्हें घर पर आइसोलेशन मे रखा जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमलोगों ने कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग (Contact Tracing) तरीके को अपनाकर दुनिया की तुलना में कोरोना वायरस पर सबसे बेहतर नियंत्रण किया उसी तरह से कोरोना के नए स्वरूप से भी मुकाबला करना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा भी की।
इस समीक्षा बैठक में उन्होंने वायरस के नए स्वरूप के बारे में प्रदेश में जरूरी विशेषज्ञता विकसित किए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कोरोना के इलाज के संबंध में सभी जरूरी प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। सीएम ने कहा कि विदेशों से आए लोगों की लिस्ट बनाई जाए। इन लिस्ट के आधार पर टेस्टिंग सुनिश्चित कराई जाए। टेस्ट का रिजल्ट आने तक एक प्रोटोकॉल तैयार कर होम आइसोलेशन में रखा जाए। ताकी अगर टेस्ट पॉजिटिव भी रहा तो संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा।
मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में ना हो लापरवाही : CM
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस समीक्षा बैठक के दौरान साफ कहा कि कोविड चिकित्सालयों में दवाओं, मेडिकल उपकरण सहित अन्य सुविधाओं की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। संबंधित अधिकारी इस पर ध्यान दें कि ये सुविधाएं हर स्थिति में बनी रहें। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को प्राथमिकता दे रही है। उत्तर प्रदेश में तृतीय चरण में बनने वाले समस्त 14 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के कार्य तेजी से चल रहे हैं। इस बारे में निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि कार्य में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। अगर विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही मिलती है तो संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से कोरोना पर काबू पाने को लेकर WHO भी कर चुका है तारीफ
यूपी में कोरोना पर काबू पाने में सफल प्रयास की हाल में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तारीफ की थी। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर Covid-19 को फैलने से रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रक्रिया को अपनाया था। इसके तहत, यूपी के 75 जिलों में 800 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की गई। इन लोगों ने महज 1 से 14 अगस्त यानी 13 दिनों के भीतर ही 58 हजार लोगों की जांच की और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट निकालकर उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया और सही समय पर इलाज किया। इससे सघन और ज्यादा आबादी वाले राज्य में भी कोरोना पर अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर तरीके से काबू किया जा सका था।