उत्तर प्रदेश को एक और एक्सप्रेस-वे मिलने वाला है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 500 किलोमीटर लंबे गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया है। डीपीआर फाइनल होने के बाद ही प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के फाइनल रूट के बारे में पता चलेगा। बताया जा रहा है कि यह संत कबीरनगर, बस्ती और सिद्धार्थ नगर समेत 20 जिलों से होकर गुजरेगा।
गोरखपुर से शुरू होने वाला यह तीसरा एक्सप्रेसवे होगा। वर्तमान में क्षेत्र में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इस लिंक रोड का 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। गोरखपुर को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से जोड़ने वाली 519 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बताया था कि कैसे पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वह शाहजहांपुर में एक समारोह में बोल रहे थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि 1947 से 2017 तक राज्य में सिर्फ एक एक्सप्रेस-वे बना, लेकिन उसके बाद से छह एक्सप्रेस-वे बने हैं।
594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होने की उम्मीद है। इसे 36,200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं,शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव के पास तक जाएगा।
शाहजहांपुर में वायु सेना के विमानों के आपातकालीन टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए एक्सप्रेसवे में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी होगी। गंगा एक्सप्रेसवे दिल्ली और प्रयागराज के बीच यात्रा के समय को घटाकर सिर्फ 7 घंटे करने के लिए तैयार है। इसे 26 नवंबर, 2020 को मंजूरी दी गई थी और यह 2024 तक यात्रा के लिए तैयार हो जाएगी।