नई दिल्ली : दिल्ली की तुलना में यूपी की आबादी करीब 14 गुना ज्यादा है। ये बात तो हर किसी को पता है। पिछले कुछ समय से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बेहतर होने का प्रचार-प्रसार किया गया। इससे लगता है कि दिल्ली के स्कूलों में वाकई काफी सुधार हुआ है। लेकिन अब जो बात हम बताने जा रहे हैं इसे अभी काफी कम लोग ही जानते हैं। वो बात है उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था देश की राजधानी दिल्ली की तुलना में कहीं से भी कम नहीं है। इसके बजाय कई मामलों में दिल्ली से बेहतर साबित हुई है उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली। ये दावा किसी कयास से नहीं बल्कि हाल में आई सबसे प्रतिष्ठित NCERT की एक रिपोर्ट में है। इस रिपोर्ट की एनालिसिस करने से पता चलता है कि कक्षा 8वीं के छात्रों में भाषा, विज्ञान और गणित में यूपी के छात्र दिल्ली के छात्रों से ज्यादा बेहतर साबित हुए। एनसीआरटी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के 8वीं के छात्र इन विषयों में औसत प्रदर्शन 41 फीसदी रहा वहीं उत्तर प्रदेश का ये औसत प्रदर्शन 46 फीसदी रहा। बाकी अन्य कक्षाओं के औसत प्रदर्शन में यूपी और दिल्ली के छात्र बराबरी पर रहे। यानी किसी मामले में यूपी के छात्र दिल्ली से पीछे नहीं रहे।
कैसे दिल्ली से बेहतर साबित हुए योगी सरकार में यूपी के स्कूल
NCERT की तरफ से वर्ष 2017 में नेशनल अचीवमेंट सर्वे कराया गया। ये सर्वे सभी राज्यों के स्कूलों में कराए गए थे। इस सर्वे की रिपोर्ट अब आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 1.35 लाख सरकारी स्कूल हैं। वहीं, दिल्ली में 1040 स्कूल हैं। यूपी में सरकारी टीचर 5.6 लाख हैं जबकि दिल्ली में 58 हजार हैं। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या यूपी में जहां 1.6 करोड़ हैं वहीं दिल्ली में ये संख्या 16 लाख हैं। इससे पता चलता है कि 24 करोड़ की आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में उसी हिसाब से स्कूल और टीचर भी हैं। अगर इनके औसत को देखा जाए तो यूपी और दिल्ली दोनों में औसतन 28 छात्रों पर एक टीचर है। यानी यूपी में दिल्ली की तुलना में 14 गुना ज्यादा आबादी और कई गुना ज्यादा छात्र होने के बाद भी प्रति टीचर के मामले में दिल्ली से कहीं कम नहीं है। इसे भी दिल्ली से बेहतर ही माना जाएगा। लेकिन टीचर को ट्रेनिंग देने वाले मेंटर के मामले में उत्तर प्रदेश पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली से कहीं आगे हैं। उत्तर प्रदेश में 100 टीचर पर एक प्रोफेशनल मेंटर है जबकि दिल्ली में 290 टीचर पर एक मेंटर है।
योगी की डिजिटल क्रांति : लॉकडाउन में 1 करोड़ से ज्यादा बच्चों को पढ़ाया ऑनलाइन
जिन सरकारी स्कूलों को कभी पिछड़ा कहा जाता था, वो योगी सरकार में हाईटेक हो चुके हैं। ये सब योगी सरकार की डिजिटल क्रांति से हुआ है। दरअसल, अब सरकारी स्कूल के टीचर मोबाइल ऐप से अपनी छुट्टी के साथ सैलरी का भी अप्रूवल कर रहे हैं। अभी कोरोना लॉकडाउन के दौरान योगी सरकार में सरकारी स्कूलों के छात्रों की पढ़ाई लगातार जारी रही। इसके लिए तीन चरणों में स्कूलों की पढ़ाई हुई। 1 अप्रैल से सितंबर तक ई-पाठशाला के जरिए 20 लाख छात्रों को पढ़ाया गया। इसके तहत छात्रों को ऑनलाइन स्टडी मटीरियल भेजा गया। यू-ट्यूब, दूरदर्शन, वॉट्सऐप के जरिए छात्रों को पढ़ाया गया। सितंबर के बाद 40 लाख छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाया गया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को काफी हद तक डिजिटल किया गया। जिससे छात्रों को आसानी से समझाया जा सके। अब मिशन प्रेरणा के जरिए 1.8 करोड़ छात्रों को आधुनिक तरीके से पढ़ाया जा रहा है।
खेल-खेल में सिखाया जा रहा है गणित
यूपी में ऐसा पहली बार हुआ जिसमें खेल-खेल में बच्चों को कठिन से कठिन गणित के सवालों को हल कराया जा रहा है। इसके लिए सभी स्कूलों में चार्ट बनाए गए हैं। पोस्टर तैयार किए गए हैं। जिसके जरिए छात्रों को खेल-खेल में और मौखिक तरीके से गणित सिखाया जा रहा है। इसके अलावा दीक्षा प्लैटफॉर्म तैयार किया गया है। इससे हाई क्वॉलिटी वीडियो तैयार कर छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।