लखनऊ: उत्तर प्रदेश के योगी सरकार जनता के हित के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसके बीच योगी सरकार ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति -2014 (लाइसेंस आधारित प्रणाली) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से आवास योजनाओं के विकास के लिए यूपी आवास विकास परिषद और सभी विकास प्राधिकरणों के लिए नए नियम जारी किए गए हैं|
इसको लेकर सरकार की तरफ से कहा गया कि संशोधित नीति से डेवलपर्स को लंबित एकीकृत टाउनशिप परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, नए नियम डेवलपर्स को अधिक निवेश करने और चरणबद्ध तरीके से परियोजनाओं के विकास की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। सरकार ने एक बयान में कहा कि इससे रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस नई नीति के लागू होने से शहरी विकास शुल्क तभी वसूलने का प्रावधान है जब डेवलपर विकास परमिट प्राप्त करने के लिए आवेदन जमा करता है। इसका मतलब है कि टाउनशिप डेवलपर्स और संबंधित अधिकारियों को अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) मंजूरी के समय भुगतान करने के बजाय ले आउट योजना के अनुसार शुल्क का भुगतान करना होगा।
सरकार को उम्मीद है कि ताजा फैसले से ‘सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को हासिल करने में तेजी आएगी। महामारी के बाद बढ़ी हुई संपत्ति खरीदने की भावनाओं के बीच यह निर्णय आया है। कम संपत्ति लागत और कम ब्याज दरों के कारण खरीदारी की गति जारी रहने की उम्मीद है।