भारत सरकार ने देशभर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए एक बहुप्रतीक्षित और व्यापक पहल की है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) के तहत अब तक 767 जिलों में द्वितीयक और तृतीयक स्तर की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिनमें सामुदायिक केंद्र, डिजिटल प्रशिक्षण, मोबाइल ऐप और टेली-हेल्पलाइन शामिल हैं।
लोकसभा में एक लिखित जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी।
767 जिलों तक पहुंचा ‘जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ (DMHP)
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इसके तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) स्तर पर परामर्श, साइको-सामाजिक हस्तक्षेप, गंभीर मानसिक बीमारियों का उपचार, दवाएं, आउटरीच सेवाएं और 10-बेड वाले इनपेशेंट वार्ड की सुविधा प्रदान की जाती है।
कार्यक्रम में स्कूलों व कॉलेजों में काउंसलिंग, कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन, आत्महत्या रोकथाम सेवाएं और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने वाले IEC अभियान भी शामिल हैं।
उच्च शिक्षा और विशेषज्ञ प्रशिक्षण के लिए 25 ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 25 उत्कृष्टता केंद्रों (Centres of Excellence) को मंजूरी दी है ताकि पीजी कोर्सों में सीटें बढ़ाई जा सकें और तृतीयक स्तर की सेवाएं प्रदान की जा सकें।
इसके अतिरिक्त, 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 47 पीजी विभागों को मानसिक स्वास्थ्य विषयों में सशक्त किया गया है। पुनर्वास परिषद (RCI) ने अब तक 69 संस्थानों को क्लिनिकल साइकोलॉजी में एम.फिल, डिप्लोमा, Psy.D जैसी डिग्रियों के लिए मान्यता दी है, जबकि 9 संस्थानों को रीहैबिलिटेशन साइकोलॉजी कोर्सों की मंजूरी मिली है। वर्ष 2024-25 से बी.एससी और एम.ए. इन क्लिनिकल साइकोलॉजी कोर्स भी शुरू हो चुके हैं।
टेली-मानस से 23.82 लाख कॉल्स को मिला परामर्श
10 अक्टूबर 2022 को शुरू हुए नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम (Tele MANAS) ने अब तक 23.82 लाख से अधिक कॉल्स को संभाला है। 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 53 टेली-मानस सेल्स स्थापित किए गए हैं जो 24×7 मानसिक परामर्श सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर 2024) को सरकार ने Tele-MANAS मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया, जो मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सामान्य तनाव से लेकर गंभीर बीमारियों तक के लिए सहायता उपलब्ध कराता है। हाल ही में इसमें वीडियो काउंसलिंग की सुविधा भी जोड़ी गई है।
1.77 लाख से अधिक हेल्थ सेंटर्स में शामिल हुई मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं
सरकार ने आयुष्मान भारत मिशन के तहत 1.77 लाख से अधिक उप-स्वास्थ्य केंद्रों और PHCs को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में अपग्रेड किया है, जहां अब मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
इसके साथ ही, डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स भी शुरू किए गए हैं ताकि देश के दूरदराज क्षेत्रों में मानव संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाई जा सके।
मानव केंद्रित दृष्टिकोण: सिर्फ इलाज नहीं, समझ और संवेदना भी
सरकार का यह मिशन केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चेतना, सहानुभूति और बातचीत को भी बढ़ावा देने की दिशा में है। स्कूलों और कॉलेजों में जीवन कौशल की ट्रेनिंग, कार्यस्थल पर तनाव से निपटने की रणनीतियां, और आत्महत्या रोकथाम सेवाएं — यह सब मिलकर मानसिक स्वास्थ्य को मुख्यधारा में ला रहे हैं।
