कभी इसे महज़ फिटनेस का शौक माना जाता था, लेकिन अब शोध दिखा रहे हैं कि रोज़ाना 10,000 कदम चलना मोटापे से लेकर दिल की बीमारियों और मानसिक तनाव तक, हर स्तर पर स्वास्थ्य के लिए कारगर है।
सेहत के लिए सबसे आसान नुस्खा
दिनभर में 10,000 कदम चलना अब सिर्फ़ एक फिटनेस ट्रेंड नहीं रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सरल आदत दिल की सेहत से लेकर हड्डियों और फेफड़ों तक के लिए लाभकारी है। सबसे अहम बात यह है कि चलना किसी उपकरण, जिम या विशेष प्रशिक्षण पर निर्भर नहीं करता और हर उम्र के लोग इसे आसानी से अपना सकते हैं।
वज़न घटाने से आगे के लाभ
तेज़ चाल में चलना न केवल वज़न नियंत्रण में मदद करता है बल्कि हृदय को मज़बूत करता है और रक्तचाप को भी कम करता है। नियमित पैदल चलने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, रक्त संचार बेहतर होता है और मधुमेह व स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का ख़तरा घटता है। शोध बताते हैं कि महिलाओं में नियमित पैदल चलने से स्ट्रोक का ख़तरा काफ़ी कम हो जाता है।
दीर्घकालिक बीमारियों से सुरक्षा
लगातार चलने की आदत लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों से बचाव करती है। यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, पाचन तंत्र को दुरुस्त करती है और वैरिकॉज़ वेन्स जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करती है। वृद्धावस्था में पैदल चलना न केवल गतिशीलता बनाए रखता है बल्कि अपंगता और निर्भरता से भी बचाता है।
मानसिक और भावनात्मक लाभ
शारीरिक फ़ायदों के साथ-साथ पैदल चलना मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद प्रभावी है। नियमित चलने वाले लोग बेहतर मूड, तनाव में कमी और मानसिक स्पष्टता की रिपोर्ट करते हैं। यह आदत बुज़ुर्गों के लिए आत्मनिर्भर बने रहने का एक आसान और सशक्त साधन मानी जाती है।
तकनीक और भागदौड़ की ज़िंदगी में जहाँ बैठकर काम करने की आदत आम हो गई है, वहीं रोज़ाना 10,000 कदम चलना एक सस्ता, आसान और प्रभावी उपाय है। विशेषज्ञों का मानना है कि पैदल चलना सिर्फ़ व्यायाम नहीं, बल्कि चलता-फिरता इलाज है।