भारत ने पहली बार अपनी परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण रेल-आधारित लांचर से किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किए गए इस परीक्षण को भारत की रणनीतिक क्षमताओं में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है। यह कदम भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को और अधिक गतिशील, सुरक्षित और अप्रत्याशित बनाता है।
रणनीतिक गतिशीलता का नया अध्याय
रेल-आधारित लांचर का सबसे बड़ा लाभ इसकी छलावरण और गतिशीलता है। सड़क या स्थिर साइलो-आधारित प्रणालियों के विपरीत, मिसाइल को रेल नेटवर्क के माध्यम से देशभर में कहीं भी ले जाया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षमता शत्रु के लिए मिसाइलों का पता लगाना और उन पर पहले से हमला करना लगभग असंभव बना देती है। इस तरह भारत की द्वितीय प्रहार क्षमता (Second-Strike Capability) और मजबूत होती है।
अग्नि-प्राइम: तकनीकी और सामरिक महत्व
- रेंज: लगभग 2,000 किलोमीटर, जो इसे पाकिस्तान और चीन के रणनीतिक क्षेत्रों तक पहुँचाने में सक्षम बनाता है।
- कैनिस्टराइज्ड सिस्टम: सुरक्षित कंटेनर से सीधे प्रक्षेपण, जिससे तैनाती तेज़ और सुरक्षित होती है।
- सटीकता: आधुनिक नेविगेशन और मार्गदर्शन तकनीक से लैस, जो लक्ष्य भेदन की शुद्धता सुनिश्चित करती है।
- दोहरी क्षमता: यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वारहेड ले जाने में सक्षम है।
पहले हुए परीक्षण पारंपरिक लांच साइट्स से किए गए थे, लेकिन यह पहली बार रेल से लॉन्चिंग थी, जिसने भारत की तकनीकी क्षमता में एक नया आयाम जोड़ दिया है।
क्षेत्रीय और वैश्विक असर
यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में ला खड़ा करती है जिन्होंने रेल-आधारित मिसाइल प्रक्षेपण प्रणाली विकसित की है — जैसे अमेरिका, रूस और चीन।
- क्षेत्रीय दृष्टि से, यह पाकिस्तान और चीन की सैन्य रणनीति को और जटिल बना देता है, क्योंकि अब भारत की मिसाइलें कहीं भी तैनात की जा सकती हैं।
- वैश्विक स्तर पर, यह भारत की ‘नो-फर्स्ट-यूज़’ (पहले परमाणु हमला न करने की नीति) के तहत उसकी विश्वसनीयता को मजबूत करता है।
- विश्लेषकों का कहना है कि यह चीन की रेल-आधारित मिसाइल परियोजनाओं का भी सीधा जवाब है, जिससे एशिया में तकनीकी प्रतिस्पर्धा तेज हो सकती है।
आधुनिकरण की बड़ी योजना
रेल-आधारित अग्नि परीक्षण भारत के व्यापक रणनीतिक आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिसमें शामिल हैं:
- अग्नि-5 मिसाइल का MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) संस्करण
- परमाणु-संचालित पनडुब्बियों (Arihant Class) से मिसाइल प्रक्षेपण कार्यक्रम
- उपग्रह और ड्रोन-आधारित प्रारंभिक चेतावनी और निगरानी प्रणाली
ये सभी कदम यह संकेत देते हैं कि भारत अपनी रक्षा क्षमता को केवल मजबूत ही नहीं कर रहा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में अपनी स्थिति भी सुदृढ़ कर रहा है।