भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की पहली सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) e-Rupee को आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया है। इसे नकदी का डिजिटल स्वरूप कहा जा रहा है, जो बिल्कुल भारतीय रुपये के समान मूल्य रखता है। RBI का दावा है कि e-Rupee न केवल लेन-देन को और तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों तक डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार करेगा।
तेज़ी से बढ़ता उपयोग
मार्च 2025 तक 1,016 करोड़ रुपये मूल्य का e-Rupee सर्कुलेशन में था, जो पिछले साल के 234 करोड़ रुपये से लगभग चार गुना ज्यादा है।
इसकी सबसे बड़ी वजह है रिटेल पायलट प्रोजेक्ट, जिसमें 17 बैंक और 60 लाख से ज्यादा उपयोगकर्ता शामिल हो चुके हैं।
मुख्य फीचर्स और फायदे
वित्तीय समावेशन: गांव-गांव तक डिजिटल भुगतान संभव।
सुरक्षा: ब्लॉकचेन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से धोखाधड़ी पर रोक।
ऑफलाइन लेन-देन: नेटवर्क न होने पर भी ब्लूटूथ/NFC से भुगतान।
सरकारी योजनाएँ: सब्सिडी और DBT को ट्रैक करने का आसान और पारदर्शी तरीका।
क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स
: भारतीय रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण में अहम कदम।
कैसे करें इस्तेमाल?
1. किसी भी पार्टिसिपेटिंग बैंक (SBI, HDFC, ICICI, BoB, Union Bank, Kotak, Yes Bank, IDFC First Bank आदि) की मोबाइल ऐप से e-Rupee वॉलेट डाउनलोड करें।
2. वॉलेट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करें।
3. तुरंत P2P (व्यक्ति-से-व्यक्ति) और P2M (व्यक्ति-से-मर्चेंट) लेन-देन शुरू करें।
4. ऑफलाइन और प्रोग्रामेबल पेमेंट से सरकारी योजनाओं का नियंत्रित उपयोग भी संभव।
विशेषज्ञों की राय
फाइनेंशियल एक्सपर्ट मोहित गांग ने कहा:
“e-Rupee सिर्फ डिजिटल ट्रांजैक्शन का जरिया नहीं है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, कुशल और समावेशी बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।”
RBI का लक्ष्य
RBI चाहता है कि e-Rupee:
◆नकदी पर निर्भरता कम करे,
◆डिजिटल लेन-देन को सार्वभौमिक बनाए,
◆सरकारी योजनाओं के वितरण में पारदर्शिता लाए।
मार्च 2025 तक हुए सफल पायलट से यह साफ है कि e-Rupee न केवल भुगतान व्यवस्था में क्रांति ला रहा है बल्कि भारत की वित्तीय प्रणाली को डिजिटल अर्थव्यवस्था के नए युग में प्रवेश करा रहा है।