ब्रंच प्लेटों पर सजने वाला एवोकाडो अब सिर्फ़ एक ट्रेंडी फल नहीं रहा। वैज्ञानिक शोध इसे दिल की सेहत, पाचन, त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुपयोगी पोषण स्रोत मान रहे हैं।
दिल के लिए सेहतमंद वसा
एवोकाडो में मोनोअनसैचुरेटेड फैट, विशेषकर ओलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अध्ययनों के अनुसार यह खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को घटाकर अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और हृदय रोग के ख़तरे को कम करता है। हार्वर्ड के 30 साल के अध्ययन ने दिखाया कि हफ़्ते में दो बार एवोकाडो खाने वालों में हृदय रोग की संभावना 20 प्रतिशत से अधिक घट जाती है।
रेशा और पाचन का लाभ
एवोकाडो फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत है। एक एवोकाडो में लगभग 10 ग्राम डाइटरी फाइबर होता है, जो पाचन को संतुलित करता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। फाइबर और स्वस्थ वसा का संयोजन लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करता है, जिससे वज़न प्रबंधन और स्वस्थ खानपान की आदतों में मदद मिलती है।
पोषण से आगे: त्वचा, आँखें और मन
हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि एवोकाडो त्वचा की लोच और नमी को बनाए रखने में मदद करता है। आठ हफ़्तों तक रोज़ाना एवोकाडो खाने वाली महिलाओं की त्वचा में लचीलापन और कसाव बेहतर पाया गया। इसमें मौजूद ल्यूटीन और ज़ीएक्सैंथिन आँखों को उम्र-संबंधी रोगों से बचाते हैं। वहीं फोलेट और बी-विटामिन मस्तिष्क के लिए लाभकारी माने जाते हैं और अवसाद व स्मृति-हानि से बचाव में सहायक हैं।
व्यापक वैज्ञानिक तस्वीर
प्रयोगशालाओं में किए गए शोध बताते हैं कि एवोकाडो में मौजूद फाइटोकेमिकल्स कैंसर-रोधी प्रभाव डाल सकते हैं। कुछ नियंत्रित अध्ययन नियमित एवोकाडो सेवन से आंतों की सेहत, नींद की गुणवत्ता और आहार की विविधता में सुधार की ओर इशारा करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एवोकाडो फायदेमंद तो है, पर यह कोई जादुई समाधान नहीं। कैलोरी अधिक होने के कारण इसे संतुलित आहार का हिस्सा बनाना ही उचित है।