बदायूं : रेप पर राजनीति। वाकई ये कितना शर्मनाक है। सोचकर सहम जाता है मन। और सोचने पर विवश। क्या वाकई रेप पर भी राजनीति होती है? क्या ऐसे हैं हमारे देश के नेता? क्या इन्हें नेता कहना चाहिए? क्या राजनीति करनी चाहिए? सुनकर आप भी शर्मसार हो जाएंगे। गुस्सा आएगा। गुस्सा आए भी क्यों ना। क्या इज्जत की भी कीमत होती है? शायद कुछ नेता इसकी कीमत भी लगा सकते हैं? ऐसा ही कुछ हुआ यूपी के बदायूं में। जहां एक महिला के साथ गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। इस घटना से पूरा देश स्तब्ध हो गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी के सीएम ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन की कार्रवाई को लेकर पीड़ित परिवार ने संतोष जताया है। लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं।
देखें वीडियो : कैसे पीड़ित परिवार को 50 लाख का चेक देने का दिया लालच
ये वीडियो देखिए। इस वीडियो को देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि किस हद तक राजनीति हो रही है? किसी परिवार की मदद करना तो ठीक है लेकिन क्या किसी रेप-हत्या पीड़ित परिवार को भी पैसों का लालचा दिया जा सकता है? वो भी 50 लाख रुपये का? एक पार्टी के नेता जब बदायूं में पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और मदद के नाम पर 50 लाख रुपये का चेक देने का झांसा दिया तो परिवार भी समझ गया। परिवार के सदस्य ने कहा कि क्या ये संभव है? क्या ऐसा कभी हुआ है कि किसी को 50 लाख रुपये दे दिए जाएं?
ये सवाल करते ही रेप पर राजनीति करने वाले नेता की पोल खुल गई। वो कहने लगे कि हम पूरी कोशिश करेंगे कि 50 लाख का चेक मिल जाए। इसके बाद फिर से पीड़ित परिवार ने सवाल उठाए और कहा कि मदद करनी है तो आप करें लेकिन इस तरह से गंदी राजनीति ना करें।
इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने सवाल उठाया कि क्या कभी किसी पीड़ित परिवार को किसी विपक्षी पार्टी ने 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है? तब राजनीति पार्टी के नेता सिर झुकाकर लौटने को मजबूर हो गए। वहां मौजूद लोगों ने तब ये भी सवाल उठाया कि अभी हाल में ही गाजियाबाद के मुरादनगर के श्मशान घाट में हुए हादसे में मरे हुए लोगों की आर्थिक मदद करने के लिए कोई भी राजनीतिक दल नहीं पहुंचा। लेकिन रेप पर राजनीति करने आ पहुंचे।
UP में रेप के आंकड़े दूसरे राज्यों से कम, फिर भी राजनीति सबसे ज्यादा
अगर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों को देखें तो यूपी में अन्य राज्यों की तुलना में रेप की घटनाएं कम हुईं हैं। इसके अलावा पिछले कुछ सालों की तुलना में यूपी सरकार की सख्ती से ऐसी घटनाओं में कमी आई है। NCRB की रिपोर्ट बताती है कि प्रति 1 लाख की आबादी पर उत्तर प्रदेश में रेप की 2.8 घटनाएं हुईं हैं। उत्तर प्रदेश में 2018 के डेटा के अनुसार कुल 3065 घटनाएं हुईं। वहीं, राजस्थान में रेप की घटनाएं सबसे ज्यादा रहीं। राजस्थान में 5997 घटनाएं हुईं। यहां प्रति 1 लाख पर 15.9 महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं हुईं। इससे साफ है कि यूपी की तुलना में राजस्थान में करीब 7 से 8 गुना ज्यादा रेप की घटनाएं हो रहीं हैं।
जानिए क्या हुई थी बदायूं में घटना
यूपी के बदायूं जिले के उघैती में पिछले दिनों पूजा करने गई 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर मृत महिला के परिजन ने मंदिर के महंत सत्य नारायण और उसके दो साथियों पर गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया था। इस आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वेद राम और जसपाल को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी महंत फरार है और उसे गिरफ्तार करने के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। वहीं, मामले में इंस्पेक्टर रावेंद्र प्रताप सिंह की खुली लापरवाही सामने आई, जिस पर एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा और सीओ बिल्सी अनिरुद्ध सिंह प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया। इस पूरे मामले पर हुई त्वरित कार्रवाई से पीड़ित परिवार और गांव के लोग संतुष्ट हैं।