भारतीय रसोई की दो साधारण सामग्री — भिंडी और मेथी — आजकल एक ऐसे स्वास्थ्य पेय के रूप में फिर से चर्चा में हैं, जिसे वैज्ञानिक आधार भी मिलने लगा है। पोषण विशेषज्ञों और चिकित्सकों का मानना है कि सुबह खाली पेट भिंडी और मेथी के बीजों को भिगोकर तैयार किया गया पानी पीना रक्त शर्करा नियंत्रित करने, पाचन सुधारने, वजन संतुलित रखने और सूजन कम करने में मददगार हो सकता है।
यह लोकप्रियता केवल घरेलू नुस्खों तक सीमित नहीं है। शोध बताते हैं कि इस पेय में मौजूद विटामिन, घुलनशील फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स लंबे समय तक मेटाबॉलिज़्म को स्वस्थ रखने और शरीर की सूजन घटाने में सहायक हो सकते हैं।
पाँच कारण, क्यों विशेषज्ञ इसकी सलाह देते हैं
1. रक्त शर्करा पर नियंत्रण
भिंडी का गोंदनुमा तत्व और मेथी का फाइबर आंतों में शर्करा के अवशोषण को धीमा कर देते हैं। छोटे-छोटे अध्ययनों से संकेत मिला है कि यह सुबह के समय ब्लड शुगर स्पाइक्स को रोकने में सहायक हो सकता है।
2. पाचन तंत्र को राहत
आयुर्वेद और आधुनिक आहारशास्त्र दोनों में भिंडी और मेथी को पाचन में सहायक माना गया है। भिंडी पेट की परत को आराम देती है, वहीं मेथी आंतों में लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है।
3. वजन घटाने में सहायक
कम कैलोरी और अधिक फाइबर होने के कारण यह पेय पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित सेवन से भूख नियंत्रित रहती है और धीरे-धीरे वजन पर काबू पाया जा सकता है।
4. सूजन को कम करने की क्षमता
शोध में पाया गया है कि भिंडी और मेथी के प्राकृतिक यौगिक शरीर में सूजन के स्तर को घटा सकते हैं। हालांकि इंसानों पर और अध्ययन ज़रूरी हैं, लेकिन पारंपरिक चिकित्सा की मान्यता से यह मेल खाता है।
5. त्वचा की सेहत में मददगार
फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर यह पेय ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है, जो समय से पहले झुर्रियों और त्वचा की थकान का कारण बनता है।
पर्यावरण के लिए भी लाभकारी
दिलचस्प बात यह है कि हालिया अध्ययनों में भिंडी और मेथी के अर्क को पानी से माइक्रोप्लास्टिक हटाने में भी उपयोगी पाया गया है। स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण में योगदान देने वाली यह विशेषता इसे और भी मूल्यवान बना देती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि कोई भी पेय संतुलित आहार और सक्रिय जीवनशैली का विकल्प नहीं हो सकता। लेकिन महंगे सप्लीमेंट्स और त्वरित उपायों के इस दौर में भिंडी–मेथी का पानी एक सस्ता, सुलभ और सांस्कृतिक रूप से गहराई से जुड़ा विकल्प है — जो परंपरा और विज्ञान दोनों का संतुलन प्रस्तुत करता है।