लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। अब उत्तर प्रदेश में 24 मई तक कोरोना लॉकडाउन लागू रहेगा। हालांकि, इस दौरान योगी सरकार ने गरीब मजदूरों, ठेलेवालों और रेहड़ी पटरी वाले लोगों को आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐसे लोगों को 1 हजार रुपये मासिक भत्ता और तीन महीने का राशन देने की घोषणा की है। ये आर्थिक मदद रजिस्टर्ड रेहड़ी पटरी वाले लोगों को दी गई है।
देश में पहली बार किसी राज्य में गरीब लोगों को आर्थिक मदद करने का दावा किया है। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 75 जिलों में कोरोना पर पल-पल की निगरानी रखने के लिए 59 नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। ये अधिकारी एक हफ्ते तक अपने-अपने क्षेत्र में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में रहकर कोरोना की स्थिति का जायजा लेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।
राज्य के लोगों को सुरक्षित रखना ही सरकार की प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश में अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है। इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा बना हुआ है। जिसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कोरोना लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। दरअसल, योगी सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों की हर स्थिति में जान बचाना है। इसके लिए योगी आदित्यनाथ की स्पेशल टीम-9 लगातार हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है। इसीलिए सरकार ने 24 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। इससे पहले राज्य में 17 मई तक कोरोना लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी किया गया था। इस दौरान सरकार ने अधिकतम गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया था.
20 मई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू किए जाने का फैसला
मंत्रिमंडल की बैठक में विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों और स्कूलों में 20 मई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू किए जाने का फैसला किया गया है। उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के लिए उच्च शिक्षण संस्थान व माध्यमिक स्कूल ऐसे विद्यार्थी जिनके परिवार के सदस्य संक्रमित हैं या फिर वह खुद संक्रमित हैं उन्हें कक्षाएं पढ़ने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। वही ऐसे शिक्षक जिनके परिवार के लोग या फिर वह खुद संक्रमित हैं उन पर कक्षाएं पढ़ाने के लिए दबाव नहीं बनाएंगे। संक्रमित परिवारों का ध्यान रखते हुए 20 मई से माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में ऑनलाइन शिक्षण पर भी विचार किया जाएगा। सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह ऑनलाइन कक्षाओं की निगरानी करें और जोर जबरदस्ती होने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।