नई दिल्ली/ लखनऊ
कोरोना महामारी जैसे मुश्किल हालात में भी सकारात्मक विकास कार्यों और ईमानदारी से किए प्रयास ने उत्तर प्रदेश का नाम फिर से सुर्खियों में लाया है। अब केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों की तुलना में यूपी को ईज ऑफ डूइंग के क्षेत्र में सबसे बेहतर माना है। इसके लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार की केंद्र की तरफ से जमकर तारीफ की गई है। इस बेहतर काम के लिए उत्तर प्रदेश को आने वाले दिनों में विकास कार्यों के लिए अन्य राज्यों की तुलना में केंद्र से ज्यादा मदद मिल सकेगी।
लिहाजा, ईज ऑफ डूइंग के क्षेत्र में हुए बेहतर सुधारों की वजह से यूपी अब अपने राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 2 फीसदी से ज्यादा कर्ज ले सकेगा। इस तरह केंद्र सरकार ने ईज ऑफ डूइंग (Ease Of Doing) बिजनेस में किए गए सुधारों के लिए यूपी को 4851 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए मंजूरी दे दी है। इससे यूपी में सामाजिक-आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिल सकेगी।
केंद्र ने यूपी सरकार के कामकाज पर जताई खुशी
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के सुधारों को जिस तरह से लागू किया गया उससे केंद्र सरकार काफी खुश है। दरअसल, योगी सरकार ने किसी कार्य को तय समय-सीमा में ना सिर्फ पूरा किया बल्कि उनकी गुणवत्ता का भी ध्यान रखा। इसके अलावा विकास कार्यों के साथ सामाजिक हितों का भी ध्यान रखा। इस वजह से केंद्र सरकार ने इस पर खुशी जताई है। यूपी के साथ ही गुजरात और उत्तराखंड को भी केंद्र से एक्स्ट्रा कर्ज मिल सकेगा।
15 राज्यों को मिलेगा एक्स्ट्रा कर्ज, लेकिन UP को सबसे ज्यादा
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत केंद्र की तरफ से 15 राज्यों को एक्स्ट्रा कर्ज लेने की अनुमति मिली है। लेकिन इन राज्यों में सबसे ज्यादा कर्ज उत्तर प्रदेश को मिलेगा। यूपी को केंद्र से 4851 करोड़ रुपये का कर्ज मिल सकता है। राज्य सरकार इन पैसों का इस्तेमाल विकास के कामों में कर सकती है। दरअसल, इससे पहले कोरोना की वजह से राज्यों को राजस्व से मिलने वाले पैसे में कमी आई है। इसीलिए राज्यों ने केंद्र से कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने की मांग की थी। जिसके बाद केंद्र ने एक मानक के आधार पर ये कदम उठाया।