दुनियाभर की रसोइयों में पनीर स्वाद और पोषण का प्रमुख हिस्सा है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि कुछ किस्में, जिनमें संतृप्त वसा और नमक अधिक होता है, धीरे-धीरे हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
स्वादिष्ट लेकिन जोखिम भरा
पनीर अक्सर आराम और आनंद का प्रतीक माना जाता है। लेकिन पोषण विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों या जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, उन्हें इसकी कुछ किस्मों से बचना चाहिए।
विशेषज्ञ बताते हैं कि फुल-फैट और प्रोसेस्ड पनीर में संतृप्त वसा और सोडियम की मात्रा अधिक होती है। यह “खराब कोलेस्ट्रॉल” (LDL) को बढ़ाता है और रक्तचाप को प्रभावित करता है। लंबे समय में यह दिल की धमनियों पर दबाव डाल सकता है।
किन पनीरों से सावधान रहें
वे किस्में जो स्वाद और मलाईदारपन के लिए जानी जाती हैं, वही अक्सर सबसे हानिकारक होती हैं। इनमें शामिल हैं:
- फुल-फैट चेडर और गौडा — संतृप्त वसा से भरपूर
- ब्लू चीज़ — स्वादिष्ट लेकिन बहुत नमकीन और फैट वाला
- ब्री और कैमेम्बर्ट — मुलायम बनावट, लेकिन कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले
- प्रोसेस्ड स्लाइस और स्प्रेड्स — इनमें अक्सर अतिरिक्त नमक और प्रिज़र्वेटिव होते हैं
कभी-कभार सेवन ठीक है, लेकिन रोज़ाना इनका सेवन हृदय की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
बेहतर विकल्प क्या हैं
पनीर को पूरी तरह छोड़ना ज़रूरी नहीं है। बल्कि समझदारी से चुना गया विकल्प बेहतर है:
- लो-फैट या ताज़ा पनीर जैसे कॉटेज चीज़, रिकोटा, या पार्ट-स्किम मोज़रेला
- हिस्से छोटे रखें — बड़े टुकड़े की बजाय एक छोटा वेज पर्याप्त है
- पनीर को हमेशा साबुत अनाज या सब्ज़ियों जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के साथ लें
- इसे मुख्य व्यंजन न बनाकर स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करें
शोध क्या कहता है
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि पनीर का प्रभाव मक्खन या क्रीम जितना हानिकारक नहीं होता, क्योंकि इसमें प्रोटीन और कैल्शियम का संतुलन मौजूद रहता है। फिर भी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य दिशानिर्देश संतृप्त वसा की खपत को सीमित करने की सलाह देते हैं।
अंततः संदेश स्पष्ट है: पनीर का आनंद लें, लेकिन सही किस्म चुनें, सीमित मात्रा में खाएँ और अपने दिल की सेहत को प्राथमिकता दें।