नई शोध से पता चलता है कि कद केवल सामाजिक लाभ ही नहीं बल्कि जीवन-आयु से भी जुड़ा हो सकता है। छोटे कद वाले व्यक्तियों में अपेक्षाकृत अधिक आयु और कम रोग-जोखिम देखा गया है।
कद और उम्र का उल्टा रिश्ता
जहाँ लंबे कद को अक्सर स्वास्थ्य और ताक़त का प्रतीक माना जाता है, वहीं वेस्टर्न जर्नल ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि छोटे कद वाले लोग औसतन लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। जापानी, चीनी और भारतीय पुरुषों पर किए गए अध्ययनों में पाया गया कि छोटे कद वाले व्यक्तियों में हृदय रोग, स्ट्रोक और कुछ कैंसर से मृत्यु दर कम थी।
जीन और मेटाबॉलिज़्म का असर
2014 में जापानी-अमेरिकी पुरुषों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 5 फीट 2 इंच या उससे छोटे कद वाले व्यक्तियों में FOXO3 जीन अधिक पाया गया, जिसे लंबी उम्र से जोड़ा जाता है। उनमें इंसुलिन का स्तर भी कम था, जिससे मेटाबॉलिक बीमारियों का ख़तरा घटता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि यह पैटर्न केवल मनुष्यों में ही नहीं, बल्कि पशुओं में भी देखा गया है—जहाँ छोटे आकार के जीव अक्सर अधिक समय तक जीवित रहते हैं।
कद ही सबकुछ नहीं
हालाँकि, जीवन-आयु सिर्फ़ कद पर निर्भर नहीं है। पोषण, आय, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और जीवनशैली भी उतने ही महत्वपूर्ण कारक हैं। हाल ही के एक पोलिश अध्ययन में पाया गया कि कद और जीवन-आयु के बीच केवल बहुत कमजोर नकारात्मक संबंध था और सामाजिक-आर्थिक कारकों को जोड़ने के बाद यह और भी कम हो गया।
धारणाओं को चुनौती
यह शोध उस धारणा को चुनौती देता है कि लंबा कद हमेशा श्रेष्ठता का प्रतीक है। सामाजिक और पेशेवर लाभ भले ही लंबे लोगों को अधिक मिलते हों, लेकिन छोटे कद वालों को जैविक स्तर पर ऊर्जा की बचत और रोग-प्रतिरोधक क्षमता का फायदा मिल सकता है। नतीजा यह है कि दीर्घायु केवल कद का मामला नहीं है, बल्कि जीन, जीवनशैली और वातावरण के जटिल मेल का परिणाम है।
सारणी: कद और दीर्घायु पर प्रमुख निष्कर्ष
अध्ययन / स्रोत | अध्ययन समूह | प्रमुख निष्कर्ष |
---|---|---|
वेस्टर्न जर्नल ऑफ़ मेडिसिन (2002) | एशियाई बनाम पश्चिमी पुरुष | छोटे कद वालों में हृदय रोग और स्ट्रोक से मृत्यु दर कम पाई गई |
PLOS ONE (2014) – जापानी-अमेरिकी | ≤5’2” बनाम ≥5’4” | छोटे कद वालों में FOXO3 जीन पाया गया, जीवन-आयु अधिक रही |
पशु अध्ययन | छोटा बनाम बड़ा शरीर आकार | छोटे आकार के जीव औसतन अधिक समय तक जीवित पाए गए |
पोलिश अध्ययन (2023) | राष्ट्रीय नमूना | कद और जीवन-आयु का संबंध बहुत कमजोर, सामाजिक-आर्थिक कारक अधिक प्रभावी |