नई दिल्ली : कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! हरप्रीत सिंह ने इंडियन एविएशन के क्षेत्र में पहली महिला सीईओ बनकर साबित कर दिया है कि अगर महिलाओं को मौका मिले तो वे भी आसमान में सूराख करने का माद्दा रखती हैं। ये कहावत इसलिए भी हरप्रीत पर सटीक लागू होती है क्योंकि साल 1988 में एअर इंडिया द्वारा देश की पहली महिला पायलट चयनित हुई थीं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह ज्यादा दिनों तक विमान नहीं उड़ा पाईं। फिर भी एविएशन सेक्टर से जुड़ी रहीं और अब 32 साल बाद नया कीर्तिमान रचा है।
हरप्रीत एअर इंडिया की सब्सिडियरी एयरलाइन अलायंस एयर की सीईओ बनाई गई हैं। वर्तमान में वह एअर इंडिया की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (फ्लाइट सेफ्टी) हैं। वह फ्लाइट सेफ्टी के क्षेत्र में एक्टिव रही और महिला पायलट एसोसिएशन का नेतृत्व किया । एयर इंडिया के सीएमडी राजीव बंसल के अनुसार वह अगले आदेश तक अलायंस एयर की सीईओ पद पर बनी रहेंगी। वर्तमान में एयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (फ्लाइट सेफ्टी) का पद संभालने वाली हरप्रीत सिंह की जगह कैप्टन निवेदिता भसीन लेंगी, जो एयरलाइन के सबसे वरिष्ठ कमांडरों में से एक हैं और वर्तमान में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाती हैं। भसीन को उनके अनुभव को देखते हुए कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
ज्यादा महिला पायलट भारत में
2018 में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वूमेन एयरलाइन पायलट द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में हैं। भारत में महिला पायलटों का प्रतिशत वैश्विक औसत से दोगुना है। भारतीय विमानों में एयर इंडिया में सबसे अधिक महिला पायलट हैं। तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस 1980 के दशक की शुरुआत में महिला पायलटों को नियुक्त करने वाली पहली कंपनी थी।
एलायंस एयर को नहीं बेचा जा रहा
एयर इंडिया की तरह एलायंस एयर को सरकार नहीं बेचेगी। वह पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग बनी रहेगी। एयर इंडिया के पुराने बोइंग 747 अलायंस एयर को ट्रांसफर करने की तैयारी है। पिछले साल अक्टूबर में, एयर इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एलायंस एयर ने विस्तार की योजना बनाई और नए गंतव्यों के लिए उड़ानों का शुभारंभ हुआ। विमान ने पिछले साल चेन्नई से जाफना तक अपनी पहली विदेशी उड़ान भी शुरू की थी, जो एयरलाइन से जुड़ा 55 वां गंतव्य था।