भारत का गुलाबी शहर जयपुर अब केवल ऐतिहासिक इमारतों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के शीर्ष 5 यात्रा स्थलों में अपनी जगह बनाने के लिए भी पहचाना जाएगा। प्रतिष्ठित Travel + Leisure पत्रिका की 2025 की ‘वर्ल्ड्स बेस्ट सिटीज़’ सूची में जयपुर ने पाँचवाँ स्थान हासिल किया है—और यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला भारतीय शहर बन गया है।
इस सूची में जयपुर ने इटली के फ्लोरेंस जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन शहरों को पीछे छोड़ते हुए भारत के पर्यटन मानचित्र को वैश्विक पटल पर नई ऊँचाई दी है।
विरासत और आधुनिकता का अनोखा संगम
Travel + Leisure द्वारा आयोजित रीडर्स पोल में लाखों यात्रियों ने हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने जयपुर को न केवल उसकी स्थापत्य भव्यता बल्कि स्थानीय संस्कृति, लक्ज़री होटलों, पारंपरिक भोजन, और जीवंत बाज़ारों के लिए सराहा। कुल 91.33 अंक प्राप्त कर जयपुर ने टोक्यो, बैंकॉक और फ्लोरेंस जैसे शहरों को पछाड़ा।
जयपुर की दीवारों से घिरी पुरानी नगरी, आमेर किला, हवा महल और जंतर-मंतर जैसे स्थलों ने शहर की ऐतिहासिक पहचान को और मजबूत किया। वहीं, समकालीन कैफे, बुटीक होटल और सांस्कृतिक उत्सवों ने इसे आधुनिक यात्रियों के लिए भी आकर्षक बनाया।
पर्यटन में भारत की बढ़ती भागीदारी
राजस्थान की पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने इस सम्मान को राज्य और देश के लिए “अभूतपूर्व गौरव” बताया। उन्होंने कहा कि जयपुर को मिली यह मान्यता भारत के सांस्कृतिक पर्यटन को वैश्विक मंच पर नई दिशा देगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मान्यता से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा—विशेषकर हस्तशिल्प, होटलों, और सांस्कृतिक आयोजनों के क्षेत्र में।
वैश्विक सूची में भारत का नाम
Travel + Leisure की 2025 की शीर्ष 5 यात्रा स्थलों की सूची:
- सैन मिगुएल डी अल्लेंदे, मेक्सिको
- चियांग माई, थाईलैंड
- टोक्यो, जापान
- बैंकॉक, थाईलैंड
- जयपुर, भारत
जयपुर का नाम अब उन शहरों की सूची में दर्ज हो चुका है, जिन्हें वैश्विक पर्यटक अनुभव, संस्कृति और मेहमाननवाज़ी के लिए चुनते हैं।
आगे की राह: पर्यटन में नई संभावनाएं
इस मान्यता के बाद जयपुर के पर्यटन क्षेत्र में नए निवेश और सुधारों की उम्मीद की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा यात्री सुविधाओं को आधुनिक बनाने, भीड़ से परे नए आकर्षण विकसित करने, और स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाएँ शुरू की जा रही हैं।
जयपुर की यह उपलब्धि न केवल शहर के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक संकेत है—कि हमारी विरासत, संस्कृति और आतिथ्य अब विश्व मानचित्र पर अपने स्थान के लिए तैयार हैं।