किडनी स्टोन से जूझ रहे मरीजों के लिए इलाज का नुस्ख़ा सुनने में बेहद आसान लगता है: ज़्यादा पानी पीजिए। डॉक्टरों का कहना है कि रोज़ाना 10 से 12 गिलास यानी लगभग 2.5 से 3 लीटर पानी पीने से छोटे आकार (5 मिमी से कम) के स्टोन प्राकृतिक रूप से निकल सकते हैं।
हाइड्रेशन का विज्ञान
अधिक पानी पीने से मूत्र में मौजूद खनिज पतले हो जाते हैं, जिससे क्रिस्टल बनने की संभावना घटती है। पर्याप्त तरल सेवन से कई बार बिना ऑपरेशन के ही स्टोन निकल जाते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह स्टोन के आकार, उसकी स्थिति और मरीज की किडनी की कार्यक्षमता पर निर्भर करता है।
सिर्फ पानी ही नहीं
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि केवल पानी पीना ही पर्याप्त इलाज नहीं है। लगातार दर्द, बार-बार स्टोन बनना या पेशाब की नली में रुकावट जैसे मामलों में चिकित्सकीय हस्तक्षेप ज़रूरी है। डॉक्टर नमक, अत्यधिक प्रोटीन और ऑक्सेलेट युक्त खाद्य पदार्थ कम करने की सलाह भी देते हैं। मूत्र का हल्का पीला रंग पर्याप्त हाइड्रेशन का संकेत माना जाता है।
रोकथाम की दिशा
किडनी स्टोन के मामले विश्वभर में बढ़ रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञ पानी को इलाज के साथ-साथ रोकथाम का भी अहम साधन मानते हैं। हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि हृदय या किडनी रोग से पीड़ित लोगों को तरल सेवन की मात्रा हमेशा डॉक्टर से परामर्श लेकर तय करनी चाहिए।