दुनियाभर में लाखों लोग सिरदर्द से पीड़ित हैं, लेकिन हर सिरदर्द एक जैसा नहीं होता। हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने माइग्रेन और सामान्य सिरदर्द के बीच के अहम अंतर को रेखांकित किया है, ताकि सही पहचान के साथ बेहतर इलाज संभव हो सके।
माइग्रेन: सिर्फ़ तेज़ दर्द नहीं, एक न्यूरोलॉजिकल समस्या
माइग्रेन एक गंभीर तंत्रिका तंत्र (Neurological) विकार है, जिसे साधारण सिरदर्द से अलग समझना चाहिए। यह अक्सर सिर के एक तरफ़ तेज़, धड़कन जैसे दर्द के रूप में होता है और 4 से 72 घंटे तक रह सकता है।
इसके साथ कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं:
- रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता
- मतली और उल्टी
- “ऑरा” — जैसे आंखों के सामने चमकते धब्बे या टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं
- चक्कर आना और थकान
ये सभी लक्षण मिलकर माइग्रेन को दैनिक जीवन के लिए बेहद बाधक बना देते हैं।
साधारण सिरदर्द: कम जटिल लेकिन असरदार
सबसे आम टेंशन-टाइप सिरदर्द सिर के दोनों ओर कसाव या दबाव जैसा महसूस होता है। दर्द हल्का से मध्यम होता है, और इसमें मतली या दृष्टि संबंधी बदलाव नहीं होते।
कभी-कभी क्लस्टर हेडेक भी होता है, जिसमें एक आंख के आसपास अचानक तेज़ दर्द होता है और यह हफ्तों या महीनों तक दोहराता है।
डॉक्टर कैसे पहचानते हैं फर्क
माइग्रेन और साधारण सिरदर्द में अंतर जानने के लिए डॉक्टर अक्सर POUND मानदंड का इस्तेमाल करते हैं:
- P (Pulsatile) – धड़कन जैसा दर्द
- O (One-day) – एक दिन की अवधि (4–72 घंटे)
- U (Unilateral) – एक तरफ़ का दर्द
- N (Nausea) – मतली/उल्टी
- D (Disabling) – कामकाज रोक देने वाली तीव्रता
चार या पांच लक्षण होने पर माइग्रेन की संभावना ज़्यादा होती है।
सही पहचान क्यों है अहम
माइग्रेन को सामान्य सिरदर्द समझने से इलाज देर से शुरू होता है और तकलीफ़ बढ़ती है। शुरुआती पहचान से डॉक्टर दवाओं, जीवनशैली में बदलाव और ट्रिगर्स से बचाव जैसी सही रणनीतियां अपना सकते हैं।