अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने छात्रों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए एक नई डिजिटल और सामुदायिक पहल की शुरुआत की है। ‘नेवर अलोन’ नामक इस कार्यक्रम का लक्ष्य युवाओं को तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं से उबारना और समय पर मदद उपलब्ध कराना है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। इसके माध्यम से छात्र 24×7 हेल्पलाइन, ऑनलाइन काउंसलिंग, पीयर-सपोर्ट ग्रुप और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जागरूकता कार्यशालाओं तक पहुँच सकते हैं। एम्स के अनुसार, यह मॉडल स्कूल और कॉलेज स्तर पर शुरुआती हस्तक्षेप में मदद करेगा तथा शिक्षकों और अभिभावकों को भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी संकेतों की पहचान करना आसान बनाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में बढ़ते शैक्षणिक दबाव, प्रतिस्पर्धी माहौल और कोविड-19 महामारी के बाद मानसिक बीमारियों के मामलों में तेज़ वृद्धि हुई है। यदि समय पर इलाज न मिले तो ये समस्याएँ नशे की लत, पढ़ाई में गिरावट और आत्महत्या जैसे गंभीर परिणाम पैदा कर सकती हैं।
एम्स अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस पहल का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि “कोई भी छात्र अकेला महसूस न करे।” संस्थान ने बताया कि ‘नेवर अलोन’ ऐप को आधिकारिक प्लेटफ़ॉर्म से डाउनलोड कर छात्र तुरंत इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।