नोएडा: देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास 25 नवंबर को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिलान्यास करेंगे। समारोह स्थल पर प्रधानमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय होते ही पुलिस, प्रशासन व यमुना प्राधिकरण सक्रिय हो गया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास का काफी समय से इंतजार किया जा रहा था। कई बार एयरपोर्ट के शिलान्यास को लेकर तारीख तय होने की अटकलें लगीं, लेकिन हर बार निराधार साबित हुई। अब प्रधानमंत्री कार्यालय से एयरपोर्ट के शिलान्यास के लिए 25 नवंबर की तारीख तय कर दी गई है। कार्यक्रम में कई केंद्रीय व प्रदेश सरकार के मंत्री के साथ गौतमबुद्ध नगर के साथ आसपास के जिलों के लोग भी शामिल होंगे।
ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल इस एयपोर्ट का विकास कर रही है। कंपनी को समझौते के तहत 29 सितंबर, 2024 तक एयरपोर्ट का कार्य पूरा करना होगा। एयरपोर्ट संचालन के लिए कंपनी को चालीस साल के लिए लाइसेंस दिया गया है। एक अक्टूबर 2021 से यह समय शुरू हो चुका है। यात्री सेवाओं की शुरुआत में सालाना एक करोड़ बीस लाख लोग नोएडा एयरपोर्ट से यात्रा करेंगे। प्रदेश सरकार को संचालन शुरू होने के सातवें वर्ष से एयरपोर्ट से राजस्व मिलना शुरू होगा। इसमें प्रदेश सरकार के साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण की भी हिस्सेदारी होगी। एयरपोर्ट के पहले चरण के निर्माण पर दस हजार 56 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें 5,730 करोड़ रुपये विकास पर व 4,326 करोड़ जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे। पहले चरण में दो रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर व अन्य यात्री सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
सौ प्रतिशत विदेशी निवेश और प्रति यात्री सर्वाधिक राजस्व देने वाला होगा यह एयरपोर्ट
एनसीआर में दूसरे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का सपना साकार होते ही गौतमबुद्ध नगर का जेवर क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय पटल पर अंकित हो जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ उत्तर प्रदेश व हरियाणा के पड़ोसी जिलों को भी विकास के नए पंख लगेंगे।
सर्विस इंडस्ट्री, औद्योगिक निवेश को गति मिलेगी। क्षेत्र रोजगार का बड़ा केंद्र बनेगा। सौ प्रतिशत विदेशी निवेश व प्रति यात्री सबसे अधिक 400.97 रुपये का राजस्व देने वाला एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही यह पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जिसमें प्रवेश व निकास का एक ही द्वार होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पांच रनवे के साथ देश का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसका विकास अलग-अलग चरणों में होगा। 29 सितंबर 24 तक पहला चरण पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही यहां से यात्री सेवाओं का संचालन शुरू हो जाएगा।
दूसरे चरण के लिए भी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू
पहले चरण के लिए अधिगृहीत हुई छह गांवों की जमीन पहले चरण के लिए छह गांव रोही, परोही, किशोरपुर, रन्हेरा, दयानतपुर व बनबारीवास की 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई है। जमीन अधिग्रहण से प्रभावित 3003 परिवारों का जेवर बांगर में पुनर्वास किया गया है। सात गांवों के किसानों के लिए सात पाकेट विकसित किए गए हैं। ग्रामीणों को जमीन के मुआवजे के एवज में 23 सौ रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से रकम के अलावा नौकरी के एवज में भी पैसे दिए गए हैं। दूसरे चरण के लिए भी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दूसरे चरण में भी छह गांव दयानतपुर, कुरैब, करोली बांगरा, बीरमपुर, मुढरहे व रन्हेरा की 1,365 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की जा रही है। इससे करीब पांच हजार परिवारों का विस्थापन हो सकता है।
पहले चरण में दो रनवे का विकास होगा
एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग व एयर ट्रैफिक कंट्रोल समेत अन्य यात्री सुविधाओं का विकास होगा। चारों चरण के निर्माण में एयरपोर्ट की लागत करीब 30 हजार करोड़ रुपये होगी। दूसरे चरण में एक रनवे व एमआरओ की गतिविधि होगी। तीसरे व चौथे चरण में एक-एक रनवे बनाया जाएगा। एमआरओ का भी बड़ा केंद्र बनाने की तैयारीनोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एयरक्राफ्ट के मेंटेनेंस, रिपेयर एवं ओवरहा¨लग (एमआरओ) का भी बड़ा केंद्र बनाने की तैयारी है। अभी तक देश में दिल्ली व नागपुर में सीमित स्तर पर एमआरओ की सुविधा है। बड़े एयरक्राफ्ट अन्य देशों का रुख करते हैं। नोएडा एयरपोर्ट में एमआरओ की गतिविधि से विदेशी मुद्रा की बचत के साथ कमाई भी होगी। एमआरओ के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत करने की प्रक्रिया चल रही है। कार्गो से भी होगी कमाई नोएडा एयरपोर्ट को कार्गाे से भी खासा राजस्व प्राप्त होगा।
एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी
एयरपोर्ट के लिए पूर्व में कराए गए सर्वे के मुताबिक आइजीआइ एयरपोर्ट दिल्ली को सबसे अधिक कार्गो गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद से मिलता है। नोएडा एयरपोर्ट के शुरू होने से इसका फायदा मिलेगा। कार्गो के लिए नोएडा एयरपोर्ट के पिछले हिस्से में अलग टर्मिनल होगा। एयरपोर्ट की मल्टी माडल कनेक्टिविटीनोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मल्टी माडल कनेक्टिविटी होगी। यमुना एक्सप्रेस वे के अलावा इसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग 34, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड ट्रेन से भी एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी होगी। एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग में इसका टर्मिनल स्टेशन बनेगा। सराय काले खां निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से महज 21 मिनट में यात्री एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। एयरपोर्ट मेट्रो के लिए डीएमआरसी से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से नालेज पार्क दो होते हुए नोएडा एयरपोर्ट तक करीब 73 किमी मेट्रो कारिडोर बनाया जाएगा।
राजनीति के दांवपेच में भी फंसा एयरपोर्ट
एनसीआर में दिल्ली के नजदीक नए एयरपोर्ट का प्रस्ताव सबसे पहले बसपा सरकार ने तैयार किया था, उस वक्त केंद्र में कांग्रेस सरकार थी। प्रदेश सरकार का प्रस्ताव फाइलों में दबकर रह गया। सपा सरकार ने जेवर के बजाय इसे अन्य जगह पर बनाने की कोशिश की। केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा को नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली, इसके बाद एयरपोर्ट के प्रस्ताव ने रफ्तार पकड़ी। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद इसमें और तेजी आई। केंद्रीय सहमति के साथ विभिन्न मंत्रालयों की अनापत्ति तेजी से मिली।