उत्तर प्रदेश सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जल्द ही जनता को समर्पित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को इसका लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम कूरेभार के निकट अरवलकीरी करवत में बने हवाई पट्टी के पास होगा। इस दिन यहां फाइटर प्लेन भी उड़ान भरेंगे। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने दो दिन पहले अरवलकीरी करवत में बनी हवाई पट्टी का निरीक्षण कर निर्माण और तैयारियों की समीक्षा की थी। रविवार को उन्होंने फिर इसका निरीक्षण किया।
अवनीश अवस्थी ने बताया कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण 16 नवंबर को प्रस्तावित है। यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में शामिल है। कार्यक्रम के लिए यूपीडा कैंप कार्यालय के सामने मंच बनाया जाएगा।
341 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे
लखनऊ से गाजीपुर को सीधे जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे करीब 341 किमी लंबा है। सुलतानपुर जिले में इसकी कुल लंबाई 103 किमी है, जो पश्चिमी छोर हलियापुर से शुरू होकर अखंडनगर तक गुजर रहा है। इस पर अब तक 23 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके है। जिले में 1349 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। जुलाई, 2018 में पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया था।
3.5 किमी में बनी है हवाई पट्टी
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के फेज चार में स्थित अरवलकीरी करवत में हवाई पट्टी बनाई गई है, जो करीब 3.5 किलोमीटर लंबी है। हवाई पट्टी की साफ-सफाई व सुरक्षा के मद्देनजर रविवार से सात किमी की दूरी में एक्सप्रेस-वे बंद रहेगा। लखनऊ से गाजीपुर जाने वाले लोगों को कूरेभार से फुलौना होकर गुजरना पड़ेगा। वहीं गाजीपुर से लखनऊ के लिए वाहनों को फुलौना वाया कूरेभार होकर जाना पड़ेगा।
कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बेहद कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था होगी। किसी अपराध अथवा दुर्घटना की सूचना पर पुलिस तत्काल मदद को पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुरक्षा-व्यवस्था की योजना बनाई जा रही है। शासन ने सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी राजेश पांडेय को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का नोडल सिक्योरिटी आफिसर नियुक्त किया है , जो अब यूपीडा के साथ काम कर रहे हैं।
कंट्रोलरूम की स्थापना
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कंट्रोलरूम की स्थापना की जा चुकी है और इस हाईवे पर पड़ने वाले आठ टोल बूथ के आसपास आठ पुलिस चौकियां स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। राजेश पांडेय के नेतृत्व में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा-व्यवस्था की योजना बनाई जा रही है। इस एक्सप्रेसवे पर हर चालीस किलोमीटर पर दो एम्बुलेंस की व्यवस्था रहेगी। टोल बूथ पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त होंगे और एक्सप्रेसवे पर पड़ने वाले स्थानीय थानों की पुलिस से भी समन्वय रहेगा। स्थानीय थानों की पीआरवी भी पेट्रोलिंग करेंगी।
घटना की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई
पुलिस गश्त से लेकर, यातायात प्रबंधन, किसी हादसे के बाद त्वरित कार्रवाई को लेकर विस्तृत योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। किसी आपराधिक घटना की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई व पीड़ित को मदद पहुंचाने के लिए भी कार्ययोजना के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। एक्सप्रेसवे पर तैनात सुरक्षाकर्मी वायरलेस सेट के जरिए एक-दूसरे से सीधे जुड़े होंगे।
सुरक्षाकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण
हाईवे पुलिसिंग के लिए सुरक्षाकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। आइजी के पद से बीते दिनों सेवानिवृत्त हुए राजेश पांडेय कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला समेत अन्य दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर सुर्खियों में आए थे। तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में गिने जाने वाले राजेश पांडेय प्रांतीय पुलिस सेवा से पदोन्नति पाकर आइपीएस संवर्ग के अधिकारी बने थे। 2005 बैच के आइपीएस अधिकारी राजेश पांडेय स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के गठन से ही उसके सक्रिय सदस्य रहे। उत्तर प्रदेश पुलिस में सर्विलांस की शुरुआत का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।