रेलवे और एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एक ठगी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने बताया कि आरोपित ने कई लोगों से नौकरी दिलाने का झांसा देकर 56 लाख रुपये से अधिक की रकम वसूल ली। मामला बलरामपुर के तुलसीपुर थाना क्षेत्र का है।
अधिकारियों के अनुसार, मुख्य आरोपी मनमोहन ओझा को गिरफ्तार किया गया है। ओझा पर आरोप है कि वह लंबे समय से खुद को सेवा प्रदाता कंपनी का प्रतिनिधि बताकर युवाओं को रेलवे व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का भरोसा देता था।
ठगी का तरीका
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी नियुक्ति पत्र और रिजल्टशीट दिखाकर पीड़ितों से मोटी रकम वसूलता था। ग्रामीणों और बेरोजगार युवकों को भरोसे में लेने के लिए वह बाकायदा चयन प्रक्रिया पूरी होने का दावा करता और उसके एवज में लाखों रुपये ऐंठ लेता।
पुलिस की कार्रवाई
अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडेय ने बताया कि 20 अगस्त को तुलसीपुर क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराई गई थी। प्रारंभिक जांच में ही यह सामने आ गया कि मनमोहन ओझा ने फर्जी कागजात दिखाकर दर्जनों लोगों से ठगी की है। सूचना मिलते ही पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
विशेषज्ञ की राय
साइबर अपराध विशेषज्ञ और पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने कहा, “नौकरी दिलाने के नाम पर होने वाली ठगी देशभर में तेजी से बढ़ रही है। आरोपी अक्सर बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। जरूरत है कि लोग किसी भी ऑफर को सत्यापित करें और बिना आधिकारिक विज्ञापन या सत्यापन के पैसा न दें। पुलिस और प्रशासन को भी ऐसे रैकेट्स पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।”
जागरूकता के सुझाव (प्रो. त्रिवेणी सिंह)
- किसी भी नौकरी का ऑफर मिलने पर पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर पुष्टि करें।
- रेलवे, एयरपोर्ट, बैंक या सरकारी नौकरी के नाम पर मांगी जा रही फीस या प्रोसेसिंग चार्ज से सावधान रहें।
- किसी अजनबी व्यक्ति या संस्था को ऑनलाइन/कैश में बड़ी रकम न दें।
- यदि कोई संदिग्ध कॉल, ईमेल या ऑफर मिले तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत करें।
आगे की जांच
अधिकारियों ने कहा कि यह मामला अकेले बलरामपुर तक सीमित नहीं है। आशंका है कि आरोपी ने अन्य जिलों और राज्यों में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की है। पुलिस अब उसके नेटवर्क और उससे जुड़े लोगों की तलाश कर रही है।