लखनऊ : घर की महिलाएं सशक्त हों तो किसी भी परिवार की पीढ़ियां मजबूत हो जाती हैं। महिलाओं को सशक्त करने के लिए जरूरी है कि वो खुद पढ़ी-लिखी हों और रोजगार करें। इसलिए यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहले गांव-गांव में सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाया। इसके साथ ही हर वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की भी पहल की है। इसके लिए यूपी सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं हैं। हाल ही में शुरू हुई बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) सखी योजना और भाग्यलक्ष्मी जैसी योजना सूबे की महिलाओं को सशक्त बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इनमें निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुखबिर योजना समेत कई योजनाएं शामिल हैं। आइए विस्तार से इन पर चर्चा करते हैं।
बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) सखी योजना
सूबे की महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए बीसी (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट) सखी योजना शुरू हुई है। इसके तहत योगी सरकार महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। दरअसल, सरकार ने ग्रामिण क्षेत्रों में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी तैनात करने का फैसला लिया है। पहले चरण में 56 हजार से ज्यादा महिलओं का चयन हुई है और उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके बाद उन्हें रोजगार मिलेगा। यह योजना बैंकिंग सेवाओं के विस्तार में भी मददगार साबित होगा। इस योजना में 34 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इसके तहत काम करने वाली महिलाओं को छह महीने तक प्रतिमाह चार हजार रुपये तक स्टाइपेंड और 1200 रुपये हर माह समूह सखी के रूप में काम करने के लिए स्टाइपेंड मिलेगा। इस येजना के तहत काम करने वाली महिलाओं को घर-घर जाकर सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं और बैंकिग सुविधाओं के बारे में बताना है। ट्रांजेक्शन पर 2 फीसदी कमीशन भी मिलेगा। ड्रेस भी मुफ्त में मिलेगी।
भाग्यलक्ष्मी योजना
योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस योजना के तहत राज्य के हर गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 50 हजार रिपये का बांड दिया जाएगा। लड़की के कक्षा में छह में पहुंचने पर तीन हजार रुपये, कक्षा आठ में पहुंचने पर पांच हजार रुपये, हाई स्कूल में पहुंचने पर सात हजार रुपये और इंटर में पहुंचने पर आठ हजार रुपये दिए जाएंगे। 21 साल उम्र होने पर दो लाख रुपये मिलेंगे।
निराश्रित महिला पेंशन योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधवा महिलाओं को निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत प्रारंभिक चरण में 500 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान करने की योजना बनाई। इसके तहत पति के देहांत होने के बाद पुनर्विवाह करने पर दंपति को दिए जाने वाली राशि को 11 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दिया गया। इसके अलावा दहेज के लिए प्रताड़ित महिलाओं को प्रति माह 125 रुपये की आर्थिक सहायता राशि बढ़ाकर प्रथम चरण में 500 रुपये करने और उनको कानूनी सहायता के तौर पर एकमुश्त मिलने वाली 2500 की सहायता राशि को बढ़ाकर 10 हजार करने के निर्देश दिए।
मुखबिर योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सशक्तिकरण मिशन के तहत कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए मुखबिर योजना शुरू की। इसके तहत 64 रेस्क्यू वैन को महिला हेल्प लाइन नंबर ‘181’ के लिए हरी झंडी दिखाई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला हेल्पलाइन 181 विस्तार करने के साथ-साथ आशा ज्योति केंद्र को 11 से बढ़ाकर सभी 75 जिलों में किया जा रहा है। इस योजन के तहत भ्रूण हत्या की जानकारी देने वाले को 10 हजार से दो लाख तक का इनाम भी मिलेगा।
विधवा महिलाओं के लिए मदद
योगी सरकार ने विधवा महिलाओं को सरकारी मदद मुहैया कराने के लिए योजना बनाई। इसके तहत रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के तहत विधवा महिलाओं की मदद की जाती है। ऐसी महिलाएं जिनका कोई अन्य आय स्रोत नहीं है उनकी मदद की जाती है।
सीएम सामूहिक विवाह योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की गरीब लड़कियों की शादी कराने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू की। इस योजना के तहत 35 हजार रुपये मुहैया कराने की व्यवस्था है। इसमें से 20 हजार रुपये लड़की के खाते में तो 10 हजार रुपये शादी की जरूरत और पांच हजार समारोह के लिए दिए जाते हैं। इसके तहत एक ही परिवार की दो बेटियों को मदद मिल सकता है। इसके लिए ब्लॉक और स्थानीय निकायों में जोड़ों को पंजीकरण करना होता है। किसी भी वर्ग या जाति के पात्र लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।