दीपावली से पहले बाजार में मिलावटी मिठाइयों की सप्लाई की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने बुधवार को आदर्श विहार कॉलोनी, पारा रोड स्थित एक मकान में छापा मारकर आठ क्विंटल से अधिक नकली खोआ बरामद किया। जांच में पता चला कि खोआ टेलकम पाउडर, रिफाइंड तेल, स्टार्च और केमिकल्स मिलाकर तैयार किया जा रहा था।
आरोपी दीपक को मौके से गिरफ्तार कर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एफएसडीए अधिकारियों ने बताया कि इस नकली खोए को दीपावली के दौरान मिठाई की दुकानों में खपाने की तैयारी थी।
ऐसे बनता था नकली खोआ
जांच टीम को मौके से भारी मात्रा में संदिग्ध सामग्री मिली
-202 किलो स्किम्ड मिल्क पाउडर
-65 किलो स्टार्च
-505 किलो संदिग्ध सफेद पाउडर (संभावित टेलकम पाउडर)
-60 किलो माल्टोडेक्सट्रिन पाउडर
-बड़ी मात्रा में वनस्पति घी और रंग
सभी बरामद सामग्री को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
मिलावटखोरी पर सख्त कार्रवाई
सहायक आयुक्त खाद्य विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई की। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि अलग-अलग जगहों से 15 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और कई प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए गए हैं।
दीपावली के मद्देनज़र मिलावटखोरी के खिलाफ प्रदेशभर में अभियान तेज किया गया है। इसी क्रम में नदीगांव, घिलौर और कुरचोली में भी छापेमारी हुई, जहां से 160 किलो नकली खोवा नष्ट किया गया।
स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर विक्रम सिंह ने चेतावनी दी है कि ऐसे नकली खोए में मिलाए गए रसायन एलर्जी, अस्थमा, न्यूरो डिजीज, लिवर और किडनी डैमेज जैसी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। उन्होंने सलाह दी कि “त्योहारों में मिठाइयां घर पर ही शुद्ध दूध से बनाएं, ताकि सेहत सुरक्षित रहे।”
कैसे पहचानें असली और नकली मावा
◆ पानी टेस्ट: मावा को पानी में डालकर फेंटें — अगर वह दानेदार होकर अलग हो जाए, तो वह नकली है।
◆ रंग देखें: असली खोआ सफेद या हल्का क्रीम रंग का होता है, जबकि नकली मावा हल्का पीला दिखाई देता है।
दीपावली पर सतर्क रहें!
त्योहार की मिठास बनाए रखने के लिए मिलावटी खोए से दूर रहें। भरोसेमंद दुकानों से ही खरीदारी करें और शक होने पर तुरंत खाद्य सुरक्षा हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।