उत्तर प्रदेश के परिवहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में कई जनहितकारी सेवाओं की शुरुआत की। इनका उद्देश्य है — प्रदेशवासियों को सुरक्षित, किफायती और डिजिटल-प्रथम परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराना।
डिजिटल इंडिया की ओर बड़ा कदम
प्रदेश सरकार ने परिवहन सेवाओं को 1.5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से शुरू किया है। अब प्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग बिना देरी और दलालों के झंझट के आसानी से परिवहन संबंधी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
पीपीपी मॉडल के तहत 7 बस अड्डों को अपग्रेड किया गया है और 25 आधुनिक बस स्टेशन/वर्कशॉप का शिलान्यास डिजिटल माध्यम से किया गया। इनसे यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी।
युवाओं और महिलाओं को सशक्तिकरण
कार्यक्रम में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, वाहन स्क्रैपिंग सुविधा और ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का उद्घाटन हुआ।
विशेष रूप से, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 11 महिला बस परिचालिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। यह प्रदेश सरकार की महिलाओं को सार्वजनिक सेवाओं में आगे लाने की बड़ी पहल है।
नई तकनीक और सुरक्षा पर जोर
यूपी परिवहन विभाग ने डिजिटल बस ट्रैकिंग ऐप “UP मार्गदर्शी” और सिंपल परिवहन हेल्पलाइन 149 शुरू की है। इसके जरिए यात्रियों को रीयल-टाइम जानकारी और शिकायतों का त्वरित समाधान मिलेगा।
साथ ही, इंटर-स्टेट ड्राइविंग परमिट को और पारदर्शी बनाने के लिए नए बुकलेट्स जारी किए गए। विभाग ने 400 नए BS-6 डबल डेकर, इलेक्ट्रिक और CNG बसें तथा 70 नई निरीक्षक गाड़ियां भी हरी झंडी दिखाकर रवाना कीं।
सीएम का विज़न
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये सुधार न सिर्फ यूपी की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाएंगे, बल्कि इसे सुरक्षित, डिजिटल और जन-केंद्रित भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल और विकसित भारत के विज़न की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
इन पहलों के साथ, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परिवहन को नई परिभाषा दे रहा है — अब सफर सिर्फ मंज़िल तक पहुंचने का नहीं, बल्कि सुरक्षित, स्मार्ट और टिकाऊ यात्रा का अनुभव होगा।