उत्तर प्रदेश आज डिजिटल और सुरक्षित परिवहन सेवाओं के नए दौर में प्रवेश करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सुबह 10:30 बजे गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में डिजिटल-फर्स्ट और जनहितकारी परिवहन सेवाओं का शुभारंभ करेंगे।
डिजिटल इंडिया की ओर बड़ी छलांग
प्रदेश सरकार ने 1.5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से परिवहन सेवाओं को ग्रामीण और शहरी जनता तक पहुंचाने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस पहल के बाद लोगों को परिवहन संबंधी कामों के लिए न दलालों की परेशानी होगी और न ही लंबे इंतजार का सामना करना पड़ेगा।
पीपीपी मॉडल के तहत 7 बस अड्डों के आधुनिकीकरण और 25 नए बस स्टेशन/वर्कशॉप का शिलान्यास भी इसी कार्यक्रम में डिजिटल तरीके से किया जाएगा। इनसे यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
महिलाओं और युवाओं का सशक्तिकरण
कार्यक्रम के दौरान ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, वाहन स्क्रैपिंग सुविधा और ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का भी उद्घाटन होगा। खास पहल के तहत, 11 महिला बस परिचालिकाओं को नियुक्ति पत्र भी सौंपे जाएंगे। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह कदम महिलाओं को सार्वजनिक सेवाओं में आगे लाने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
नई तकनीक और सुरक्षा पर फोकस
यूपी परिवहन विभाग यात्रियों की सुविधा के लिए डिजिटल बस ट्रैकिंग ऐप “UP मार्गदर्शी” और आसान परिवहन हेल्पलाइन 149 भी लॉन्च करेगा। इसके जरिए यात्री बसों की रीयल-टाइम जानकारी पा सकेंगे और शिकायतों का तुरंत समाधान होगा।
मुख्यमंत्री इस मौके पर 400 नई BS-6 डबल डेकर, इलेक्ट्रिक और CNG बसों के साथ-साथ 70 नई निरीक्षक गाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इंटर-स्टेट ड्राइविंग परमिट को पारदर्शी बनाने के लिए नए बुकलेट्स भी लॉन्च किए जाएंगे।
सीएम का विज़न
“यह सुधार न सिर्फ यूपी की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाएंगे, बल्कि इसे सुरक्षित, डिजिटल और जन-केंद्रित भी बनाएंगे। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल और विकसित भारत के विज़न को पूरा करने की दिशा में ऐतिहासिक योगदान देंगे।”