नई दिल्ली/लखनऊ:
जहां अयोध्या सियाराम की, देती समता का संदेश, कला और संस्कृति की धरती, धन्य-धन्य हो उत्तर प्रदेश.…ये संगीत सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत को समता और भाईचारे का संदेश दे रहा है। इस साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर निकाली गई सभी राज्यों की झांकी में उत्तर प्रदेश को पहला स्थान मिला है। इस झांकी का नाम रहा ‘अयोध्या : उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’। पूरे देश में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक झांकी को प्रथम पुरस्कार मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी।
इस खबर को आगे पढ़ने से पहले सुनें ये संगीत, जिसे सुनकर आप महसूस करेंगे की हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर क्यों सर्वश्रेष्ठ है
यूपी की सांस्कृतिक विरासत सबसे समृद्ध : सीएम
इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत सबसे ज्यादा समृद्ध है। इससे राज्य के सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान सीएम ने अपर मुख्य सूचना सचिव नवनीत सहगल और सूचना निदेशक शिशिर को बधाई संदेश भी दिया। इससे पहले, 28 जनवरी को नई दिल्ली में इस ट्रॉफी की घोषणा की गई। केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरण रिजिजू ने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत वाली झांकी को प्रथम स्थान मिलने की घोषणा की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सूचना सचिव नवनीत सहगल और सूचना निदेशक शिशिर को पुरस्कार के रूप में ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिया।
सांस्कृतिक विरासत और खूबसूरत संगीत ने झांकी को बनाया खास : नवनीत सहगल
नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश की झांकी को प्रथम स्थान मिलने पर अपर मुख्य सूचना सचिव नवनीत सहगल ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि ये हमारे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। पूरी दुनिया में हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत सबसे संपन्न है। ऐसे में अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर मॉडल के साथ रामायण की प्रमुख रचनाओं को जब महर्षि वाल्मीकी की प्रतिमा के साथ राजपथ पर प्रस्तुत किया गया तो उस समय ये सबसे मनमोहक दृश्य बन गया। सभी लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। ये हमारे लिए एक अद्भुत क्षण था। इस दौरान सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए संगीत के सभी का मन मोह लिया।
अयोध्या की सांस्कृतिक समरसता और समता का संदेश ने दिलाया प्रथम स्थान – शिशिर
उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर ने कहा कि ये सफलता हमारी पूरी टीम के प्रयास का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य की पावन नगरी अयोध्या ही वो स्थान है जहां से मानवता को पहली बार समता और भाईचारे का संदेश मिला। इस थीम को तैयार करने में 20 दिन लगे। इस सांस्कृतिक झांकी के बारे में उन्होंने बताया कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर सहित वहां की संस्कृति, परंपरा और कला का ऐसा अद्भुत चित्रण किया गया था कि हर कोई बस देखता ही गया। झांकी में भगवान श्रीराम द्वारा निषादराज को गले लगाने और शबरी को जूठे बेर खिलाने का भी चित्रण बेहद ही अनोखे तरीके से किया गया था।
श्री हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाना, जटायू-भगवान श्रीराम संवाद, लंका की अशोक वाटिका और अहिल्या के उद्धार को ऐसे प्रस्तुत किया गया था मानों अभी ये जीवंत हो उठेंगे। इस झांकी के दौरान उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को लेकर जिस संगीत को पेश किया वो अकल्पनीय और सबसे अद्भुत रहा। सूचना निदेशक ने बताया कि इस मधुर संगीत के गीतकार वीरेंद्र सिंह वत्स और संगीतकार राहुल मिश्रा हैं। जबकि झांकी को मथुरा के कलाकारों ने तैयार किया था। इस झांकी की खासियत ही ऐसी रही कि पूरी दुनिया में उस समय सबसे ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन भी देखा।
मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन से हम बनें सर्वश्रेष्ठ : सूचना निदेशक
इस बारे में बात करते हुए सूचना निदेशक शिशिर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच और संकल्प का नतीजा ही है कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सूचना सचिव नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद के मार्गदर्शन में ही ये सफलता मिली है।