उत्तर प्रदेश में सड़क के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के प्रयास में योगी सरकार ने गुरुवार को गंगा एक्सप्रेसवे की 36 हजार 230 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण को हरी झंडी दे दी। राज्य की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसको मंजूरी मिली।
मंत्रिपरिषद ने परियोजना के चार पैकेजों के प्रस्ताव के लिए अनुरोध और कोटेशन के लिए अनुरोध को मंजूरी दी। इससे एक्सप्रेसवे के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण सहित सभी संबंधित विभागों को मेरठ और प्रयागराज के बीच इस छह लेन के 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए मिशन मोड में काम करने का भी निर्देश दिया। यह गंगा नदी के किनारे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों को कवर करेगा।
92 प्रतिशत से अधिक भूमि का अधिग्रहण हुआ
राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे को 26 नवंबर, 2020 को मंजूरी दी गई थी। इसके पूरा होने से उत्तर प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां कई गुना बढ़ जाएंगी। इस परियोजना के लिए सिविल कार्य के लिए 19 हजार 754 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि 9,255 करोड़ रुपये भूमि की खरीद के लिए निर्धारित किया गया है। 92 प्रतिशत से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।
भविष्य में इसे बढ़ाकर आठ लेन किया जा सकता है
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा और भविष्य में इसे बढ़ाकर आठ लेन किया जा सकता है। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट में 30 साल का करार किया गया है। वाहनों की गति 120 किमी प्रति घंटे तय की गई है। इसके साथ ही एक हवाई पट्टी और औद्योगिक क्लस्टर भी होंगे, जबकि नौ स्थानों पर जनोपयोगी सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।
ललितपुर में एक बड़े हवाई अड्डे के निर्माण को भी मंजूरी
राज्य मंत्रिमंडल ने ललितपुर में एक बड़े हवाई अड्डे के निर्माण को भी मंजूरी दी। ललितपुर में बल्क ड्रग पार्क और बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण को देखते हुए यह मंजूरी मिली है। पहले चरण में छोटे विमान एयरपोर्ट पर उतरेंगे। भविष्य में इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा।