लखनऊ : कोरोना महामारी में अपनों के खोने का हर किसी में गम है। ऐसे में जरा सोचिए जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की इस महामारी में मौत हो गई हो भला उन बच्चों का क्या होगा? ये सोचकर भी मन सिहर जाता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन बच्चों के लिए एक अहम फैसला लिया है। जिसे जानकर आप सोचेंगे कि वाकई किसी ने सही ही कहा था कि प्रजा के लिए राजा उनके पिता के समान होते हैं। प्रजा के सुख-दुख में ही राजा का अपना सुख-दुख होता है।
अब भले ही लोकतांत्रिक सरकार है लेकिन जनता को अपने बच्चों के समान मानकर उनके दुख में साथ देने वाली सरकार ही सही मायनों में सामाजिक हित वाली सरकार है। दरअसल, इस कोरोना महामारी में कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिनका पूरा परिवार ही कोरोना की चपेट में आ गया और उन्हें अपने मां-बाप को खोना पड़ा। ऐसे अनाथ और निराश्रित बच्चों का ध्यान रखने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री ने एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने ऐसे बच्चों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की ओर से उठाने की बात कही है।
स्पेशल टीम-9 की मीटिंग में लिया फैसला, जानें
बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए गठित की हुई टीम-9 के साथ बैठक की। इस मीटिंग में प्रदेश में कोरोना की वजह से अनाथ और निराश्रित हुए बच्चों को लेकर एक अहम फैसला लिया गया। दरअसल, कोविड-19 महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के भीतर अनाथ अथवा निराश्रित हुए बच्चे अब राज्य की संपत्ति हैं। यानी यूपी सरकार अनाथ और निराश्रित बच्चों को बतौर संपत्ति मानकर उनका पालन-पोषण किया जाएगा। उनका ध्यान रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से सभी जिम्मेदारियां निभाई जाएंगी।
महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग को योजना तैयार करने के निर्देश
बताया जा रहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हुआ है, उन बच्चों के भरण-पोषण समेत सभी जिम्मेदारियां और सुविधाएं राज्य सरकार की ओर से मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग को तत्काल प्रभाव से विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से अब ये विभाग जल्द से जल्द पूरी योजना बनाकर शासन के सामने पेश करेगा। जिसके बाद इस पर आदेश निकालने की तैयारी है।